हिन्दुस्तान जिंक की 47वीं वार्षिक आमसभा
गत वित्तीय वर्ष में कंपनी के पास 348.3 मिलियन टन अयस्क भण्डार एवं संसाधन मौजूद
2012 में कम्पनी को दुनियाँ में सबसे बड़े एकीकृत जस्ता उत्पादक होने का दर्जा प्राप्त
Udaipur. वेदान्ता समूह की जस्ता-सीसा एवं चॉंदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्यी कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2012-13 में कम्पनी का निष्पादन उत्कृष्ट रहा है। बाजार की चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बावजूद कंपनी ने 6,899 करोड़ रूपए का लाभ अर्जित किया जो 25 प्रतिशत वृद्धि है।
वे शनिवार को प्रधान कार्यालय के सभागार में कम्पनी की 47वीं वार्षिक बैठक में शेयरधारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंगने बताया कि प्रचालनों के फलस्वरूप कंपनी 12,700 करोड़ रूपए का कुल राजस्व अर्जित किया जो गत वर्ष से 11 प्रतिषत वृद्धि का द्योतक है। मूलतः यह बढ़ोतरी-चांदी की बिक्री में वृद्धि तथा रूपये के मूल्य हृास तथा धातु की कम कीमतों के कारण आंशिक तौर पर प्रभावित भी हुई। कंपनी ने वर्ष के दौरान 8,496 करोड़ रूपए का मूल्य हृास, ब्याज तथा कर (पी.बी.डी.आई.टी.) से पूर्व लाभ अर्जित किया जो धातुओं की अधिक बिक्री तथा अन्य आय के फलस्वरूप 12 प्रतिशत अधिक रहा है।
जोशी ने शेयरधारियों को अवगत कराया कि कंपनी का वित्तीय निष्पादन कंपनी के पुख्ता प्रचालन निष्पादन के समनुरूप रहा। वर्ष के दौरान हमने खनित धातु का रिकार्ड उत्पादन किया तथा परिशोधित सीसा तथा चाँदी का उत्पादन अब तक का सर्वाधिक रहा। गत वर्ष के 8,30,000 टन की तुलना में इस वर्ष के दौरान कंपनी ने 8,70,000 टन खनित धातु का उत्पादन किया है। यह अधिक खनित धातु उत्पादन रामपुरा-अगूचा तथा सिंदेसर खुर्द खानों में अधिक उत्पादन के फलस्वरूप रहा। परिशोधित सीसा धातु एवं चांदी का उत्पादन क्रमशः 1,25,000 टन तथा 408 टन हुआ जो क्रमशः 26 प्रतिशत तथा 69 प्रतिशत है। यह दरीबा सीसा स्मेल्टर तथा नये चाँदी परिशोधन संयन्त्र में वर्ष पर्यन्त अच्छा उत्पादन होने के कारण हुआ।
वर्ष के दौरान लब्ध प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा संपोषणीयता तथा गवर्नेन्स के क्षेत्र में कंपनी के प्रयासों को मान्यता दी गई एवं सराहा गया। कंपनी की उल्लेखनीय उपलब्धियों की मान्यता स्वरूप बीएसई सामाजिक एवं निगमित गवर्नेस पुरस्कार तथा सीआईआई-आईटीसी संपोषणीयता पुरस्कार एवं प्रशंसा पत्र से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त कंपनी के जन-संसाधन, सूचना तकनोलोजी तथा उत्पादन के क्षेत्रों को मान्यता स्वरूप पुरस्कारों से नवाजा गया। जोशी ने कहा कि वर्ष के दौरान कम्पनी वर्तमान खदानों में क्षमता के विकास तथा नई खदानों के विकास में पर्याप्त निवेश के लिये प्रतिबद्ध रही एवं यह निवेश किया। इस योजना में से वे खनन परियोजनाएं हैं जो अगले छह वर्ष में पूरी होगी जिससे प्रतिवर्ष 1.2 मिलियन टन खनित धातु की वृद्धि होगी। खनन परियोजनाओं में कंपनी की वर्तमान खदानों का विस्तार तथा वर्तमान आधारभूत संरचनात्मक ढांचे के आस पास नई खदानों का विकास करना है। कम्पनी अद्यतन उत्कृष्ट टेक्नोलोजी का उपयोग करके, उत्कृष्टतम खनन सलाहकारों के परामर्श तथा सर्वोत्कृष्ट ठेकेदारों की निष्णात् सेवाओं द्वारा प्रचालन टीमों को सहयोग करके उत्पादकता का उच्चतम स्तर अर्जित करेगी।
जोशी ने बताया कि कम्पनी के खनिज समन्वेषण कार्यकलाप के परिणामस्वरूप वर्ष 2013 के दौरान उल्लेखनीय ब्राउन फील्ड सफलता अर्जित हुई जिससे 24.6 मिलियन टन आरक्षित अयस्क भण्डार एवं संसाधनों की बढ़ोतरी हुई जो 8.6 मिलियन टन के हृास से पूर्व हुई। इस समय 31 मार्च, 2013 तक हमारे पास 348.3 मिलियन टन अयस्क भण्डार एवं संसाधन हैं जिनमें 35.1 मिलियम टन जस्ता-सीसा धातु एवं 909.6 मिलियन आउन्स चाँदी विद्यमान है जिससे हमारी खानों का जीवन 25 वर्ष से अधिक है।
कम्पनी की संसाधन संपोषणीयता निश्चित करने के लिये वर्ष के दौरान राजस्थान में 1680 वर्ग किमी परिक्षेत्र में ग्रीनफील्ड समन्वेषण किया गया। अब देश भर में लगभग 35000 वर्ग किमी परिक्षेत्र को ग्रीनफील्ड समन्वेषण करने की योजना है जिससे हमें भारत में अत्यन्त सक्रिय खनिज समन्वेषक होने का गौरव हासिल हुआ है। जोशी ने कहा कि स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हमारे मूलभूत एवं प्रमुख कार्यकलाप हैं जिनकी प्रतिमाह कम्पनी की व्यापार समूह की बैठकों तथा निदेशक मण्डल की सभी बैठकों में पुनरीक्षा की जाती है।
जोशी ने शेयरधारकों को बताया कि कम्पनी पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिये हमारे प्रचालनों में संसाधनों के दक्षतम उपयोग करने के प्रति कटिबद्ध है। वर्ष 2012-13 के दौरान हमने स्वच्छ जल के उपयोग को कम करने के लिये परियोजनाएं आरंभ की। दरीबा स्मेल्टिंग परिसर में प्रक्रिया अवशीतन के लिये प्रतिमाह 36.000 घन मीटर जल की बचत करने के लिये एडियोबेटिक अवशीतन टावर स्थापित किये। हम उदयपुर शहर के संयुक्त तत्वावधान में एक शहरी अपशिष्ट परिशोधन संयन्त्र की स्थापना कर रहे हैं जिसमें हम शहर के अधिकतम अपशिष्ट का शोधन करके उसे पुनः काम में लाने की योजना है। इस समय यह अपशिष्ट झीलों में बहकर जाता है एवं जल को प्रदूषित करता है।
नये रोस्टर में अपचित ऊष्मा से 10 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने की क्षमता की स्थापना करने के फलस्वरूप पवन ऊर्जा सहित हमारी पर्यावरण मित्र विद्युत्त उत्पादन योजना से 309 मेगावाट की वृद्धि हुई है जो 600,000 मी टन कार्बन डाई आक्साईड के बहिस्राव में प्रमाणित कमी के समतुल्य है। कम्पनी की संपोषणीयता रणनीति में निगमित सामाजिक दायित्व का अहम् स्थान है जिस पर अन्य व्यापार परियोजना के समनुरूप पूरा ध्यान दिया जाता है इस समय हम 184 गांवों में कार्य कर रहे हैं तथा राजस्थान में 500,000 लोगों तक हमारी पहुंच है व ये सभी लाभान्वित हो रहे हैं।
वर्ष के दौरान कम्पनी ने ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मॉडल विद्यालय विकास तथा एकीकृत पंचायत विकास कार्यक्रम (आई पी डीपी) जैसी उच्चतम प्रभाव वाली परियोजनाओं पर अपना ध्यान व कार्यकलाप केन्द्रित किये जिससे हमारे समाज एवं समुदायों के जीवन की गुणवत्ता बढी तथा सामाजिक एवं आर्थिक समुन्नयन सुनिश्चित हुआ। ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम के तहत हमने लक्ष्यांकित गाँवों में 1350 निवृति गृहों का निर्माण किया तथा अगले तीन वर्ष की अवधि में 20,000 निवृति गृहों का निर्माण करने के लिये समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। आई.पी. डी.पी. 90 गांवों में रह रहे लगभग 30,000 लक्ष्यांकित परिवारों के सर्वांगीण विकास के लिये कटिबद्ध हो कर आधारभूत ग्रामीण संरचनात्मक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा सुविधाओं एवं संपोषणीय आजीविका उपलब्ध कराने को को कृत संकल्प है। मॉडल विद्यालय कार्यक्रम के तहत हमने राजस्थान सरकार के साथ चार जिलों के 92 सरकारी स्कूलों में शिक्षा के सर्वतोन्मुखी विकास हेतु आधारभूत हेतु समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। निदेशक मण्डल ने प्रति दो रूपये के इक्वीटी शेयर पर 1.50 रूपये प्रति शेयर के हिसाब से 75 प्रतिशत लाभांश के समतुल्य फाइनल लाभांश की सिफारिश की है बशर्ते शेयरधारकों की अनुमति प्राप्त हो जाए। वित्तीय वर्ष 2013 के लिये कुल लाभांश 155 प्रतिषत होगा यानि प्रति शेयर 3.10 रूपये होगा जो कम्पनी द्वारा प्रस्तावित अब तक का सर्वाधिक है।
जोशी ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं, कंपनी के निदेशक मण्डल की ओर से एवं मेरी तरफ से मैं हमारे सभी कर्मचारीगण एवं कामगार बन्धुओं तथा कामगार फेडरेशन द्वारा दिये जा रहे निरन्तर सहयोग एवं सहकार की हृदय से प्रशंसा करता हूँ जिससे कम्पनी को सफलता मिली है। बैठक में हिन्द जिंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी अमिताभ गुप्ता, निदेशक ए. आर. नारायण स्वामी, राष्ट्रपति की प्रतिनिधि श्रीमती अमरजीत कौर तथा कंपनी सचिव राजेन्द्र पण्डवाल उपस्थित थे।