Udaipur. चार पैसे प्रति शब्द के हिसाब से रुपए लगेंगे… प्रेस के लिए विशेष 2 पैसे प्रति शब्द…। अब ये बीते जमाने की बातें हो गई। संभवत: वर्ष 1990 के दशक की। हम बात कर रहे हैं तार सेवा की जो आज से केन्द्र सरकार के आदेश पर पूर्णतया बंद कर दी गई।
पहले के जमाने में आपस में कम्युनिकेशन का जरिया सिर्फ चिट्ठी ही एकमात्र साधन था। बहुत जल्दी या आपात काल में कभी कोई सूचना देनी भी होती तो तार काम में आता था। तार आने का मतलब अमूमन किसी शोक संदेश से ही लिया जाता था। अब वो तार बंद हो गए।
चेटक सर्किल स्थित पतली गली में अंदर जाकर जब तार करने के लिए लाइन में लगना पड़ता था तो बड़ी कोफ्त होती थी। कब जल्दी नंबर आए और कब अपना तार जाए। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद कई लोग तारघर पहुंचे और टेलीग्राम किया। सेवा बंद हो जाने से इसके कर्मचारियों में भी मायूसी है। जानकारी के अनुसार इन्हें बीएसएनएल में लगाया जाएगा। यहां के कर्मचारियों का कहना है कि कभी काम का इतना भार था कि 8-8 घंटे ओवरटाइम करना पड़ता था और कर्मचारियों का स्टाफ 150 तक पहुंच गया था लेकिन धीरे धीरे मात्र छह आदमी रह गए।