गुरु पूर्णिमा पर कैलाशपुरी में हुए विशेष महोत्सव
Udaipur. गुरु पूर्णिमा पर कैलाशपुरी स्थित मेवाड़ अधिपति परमेश्वरा भगवान एकलिंगनाथ के मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के साथ शिवशंकर को शास्त्रीय संगीत से स्वरांजलि भेंट की गई।
श्रीएकलिंगजी ट्रस्ट के अनुसार सोमवार सुबह भगवान एकलिंगनाथ की 11.30 बजे अभिषेक आरती, फिर 12.30 बजे श्रृंगार आरती, दोपहर 1 बजे बड़ी आरती, शाम 7.20 बजे भोग आरती, बड़ी आरती, तत्पश्चात शयन आरती की गई। महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ एवं विजयराज कुमारी मेवाड़ ने भी प्रभु दर्शन किए। मंदिर में स्वरांजलि कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत गायिका सोमा सिंह ने राग जौनपुरी मध्य ताल जप ताल, तीन ताल द्रुत में वृंदावनी सारंग, एक ताल में भजन प्रस्तुत किया। शास्त्रीय संगीत गायिका वैशाली बकोरे ने राग गुर्जरी तोड़ी में बड़ा ख्याल विलंबित एक ताल में निबद्ध रचना पार करो मोरी नैया तथा छोटा ख्याल तीन ताल में निबद्ध रचना कृपा करो जगदंब भवानी भजन के साथ ही मेघ निय मल्हार व सुर मल्हार में वर्षा ऋतु की बंदिशों तत्पश्चात जय महेश जटाजूट एवं सुमीर मन शिवशंकर का नाम प्रस्तुत किया गया। स्वराजंलि में उदयपुर के प्रख्यात सारंगी वादक पत्ती खां ने नर भैरव ताल रूपक (विलंबित) तीन ताल द्रुत एवं राग मेघ ताल जप ताल विलंबित में सारंगी वादन किया। शास्त्रीय संगीत गायक केवल्य कुमार ने सबसे पहले पूरीया धनश्री, उसके बाद राग सावनी में शिव स्तुति तथा उसके बाद मीरा, कबीर भजन गाए। उदयपुर की कलाकार भूमिका ने राग गुनकली विलंबित रूपक में ख्याल बाजे डमरू हरकर बाजे एवं छोटा ख्याल शंकर महादेव भजन जय गुरूदेव ज्ञान के दाता प्रस्तुत किए। स्वरांजलि में कलाकार ज्ञान सिंह, भगवती प्रसाद, संपा सरकार, सुरभि आर्य, सचिन भोंसले, विजय कुमार धांदरा, वशिष्ठ शास्त्री विभिन्न वाद्य यंत्रों के साथ संगत की। कार्यक्रम के समापन में कलाकारों को सरोपाव भेंट कर सम्मानित किया गया।