हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर आंदोलन
Udaipur. उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर वर्षों से प्रतिमाह की 7 तारीख को न्याpयिक कार्यों के बहिष्का र के तहत आज भी न्या यिक कार्यों का बहिष्कार करते हुए अधिवक्ताओं ने कोर्ट में धरना दिया।
अध्यक्षता सुन्दरलाल माण्डावत ने की। वक्ता ओं ने धरनास्थल पर कहा कि राज्य सरकार जोधपुर एवं जयपुर के कतिपय अधिवक्ताओं के हितों को भूलकर राजधर्म का पालन करते हुए गरीब, आदिवासी जनता को सस्ता और सुलभ न्याय प्रदान करने के लिए उदयपुर में उच्च न्यायालय की खण्डपीठ यथाशीघ्र स्थापित करे। उदयपुर में पूर्व में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ स्थापित थी जिसे वर्ष 1950 में समाप्त कर दिया एवं वर्ष 1958 में जयपुर की खण्डपीठ को भी समाप्त कर दिया, परन्तु जयपुर में वर्ष 1977 में पुनः प्रारम्भ कर दी जबकि दक्षिणी राजस्थान में पूर्व में संचालित हाईकोर्ट की खण्डपीठ को स्थापित नहीं किया और उसी पूर्व में स्थापित हाईकोर्ट बैंच की पुर्नस्थापना की मांग की जा रही है।
शहर में निकले अधिवक्ता
धरने के पश्चात् अधिवक्ताओं ने 12 अगस्त से प्रारम्भ होने वाले आंदोलन को पूर्ण सफल बनाने के लिए आम जनता की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए अधिवक्ताओं ने जिला संयोजक सत्येन्द्रपाल सिंह छाबडा, जिला महासचिव मनीष शर्मा, बार महासचिव भरत कुमार वैष्णव आदि के नेतृत्वप में शहर के विभिन्न भागों में रैली के रूप में जाकर पत्रक वितरित किए और अपील की कि आम जनता के हितों के लिए अधिवक्ताओं के आंदोलन में अधिक से अधिक भागीदारी कर सम्मिलित हों। करीब 150 अधिवक्ताओं के दल ने कोर्ट चौराहा, देहलीगेट, बापूबाजार, सूरजपोल, झीणीरेत, मार्शल चौराया, धानमण्डी, तीज का चौक, पुनः देहलीगेट पर पत्रक वितरित कर उन्हें आमंत्रित किया। पत्रक वितरण के दौरान अधिवक्ता चन्द्रकिरण शाकद्विपी, बजरंग सिंह राणावत, राकेश मोगरा, कमलेश दवे, जितेन्द्र जैन, देवेन्द्र शर्मा, भरत सिंघवी, मोहम्मद अशफाक, नवनीत व्यास, हरीश शर्मा, हेमराज बंजारा, रामलाल जाट, लोकेश गुर्जर, संजय चौधरी के साथ ही साथ महिला अधिवक्ता अंजना व्यास, पायल शर्मा, पुजा शर्मा, कृष्णा सोनी, भूमिका चौबीसा, प्रीतिबाला वैष्णव, हेमलता सोलंकी, सुधा मेहता ने महिलाओं से भी उक्त आंदोलन में योगदान देने की अपील की ताकि महिला अत्याचार से पीड़ित महिलाओं को भी सस्ता एवं सुलभ न्याय प्राप्त हो सके।