फ्रांस के युवाओं ने किया ग्रामीण विकास पर अध्ययन
Udaipur. फ्रांस के ई एम नारमेन्डी प्रबंधन कॉलेज के युवाओं का मत है कि उदयपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ जल एंव उचित शौचालय की व्यवस्थाएं जरूरी हैं वहीं ग्रामीण क्षेत्रों मे कुटीर उद्योगों को बढा़वा देकर विपणन सुविधाएं उपलब्ध करवाना विकास के लिए आवश्यक है।
महिलाओं की विकास की गतिविधियों मे सक्रिय सहभागिता बढानी होगी। युवाओं ने विद्या भवन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय कम्युनिटी डवलपमेन्ट थ्रू पॉलिटेक्निक स्कीम के तत्वावधान मे भारत सरकार की सीडीटीपी स्कीम व स्वैच्छिक संस्थाओं के कार्यों से गांवों मे आये बदलाव का अध्ययन कर यह निष्कर्ष प्रस्तुत किए।
विद्या भवन पॉलिटेक्निक मे आयोजित प्रस्तुतिकरण मे युवाओं ने कहा कि कच्ची बस्तियों मे चल पुस्तकालय, ग्रामीण युवाओं मे तकनीकी प्रशिक्षण एंव ग्राम क्षैत्रों मे तकनीकी हस्तांतरण से रोजगार व विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा पर अधिक ध्यान देने से यह आयाम और मजबूत होंगे।
मुख्य अतिथि विद्या भवन के अध्यक्ष रियाज तहसीन ने युवाओं से कहा कि मानवतावादी व सौहार्दपूर्ण विश्व ही सही अर्थों में वैश्वीकरण हैं। अध्यक्षीय उदबोधन मे सामाजिक-राजनीतिक चिन्तक प्रो. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सरकारी व गैर सरकारी स्वैछिक प्रयासों मे गावों मे बदलाव आ रहे हैं। कार्यक्रम मे अलर्ट संस्थान के निदेशक जितेन्द्र मेहता ने कहा कि भारत को जानने के लिए गांवों को जानना बहुत जरूरी है। एडवेन्ट संस्थान के विनीत बया, यूनिवर्सिटी प्रबन्धन महाविद्यालय की सुरभि गोदावत, सीडीटीपी स्कीम के योगेश दशोरा, सुधीर कुमावत, उमाशंकर जोशी ने युवाओं को ग्रामीण विकास के विभिन्न पक्षों से अवगत कराया।
सीडीटीपी के समन्वयक व प्राचार्य अनिल मेहता ने बताया कि भारत में ग्रामीण विकास का अध्ययन करने आये फ्रांस के नोरमोन्डी महाविद्यालय के मैनेजमेन्ट में अध्ययनरत युवाओं ने सीडीटीपी स्कीम का अध्ययन कर उदयपुर जिले के सीसारमा, नाई, चिरवा, गोगुन्दा, पाटिया, रावलिया खुर्द जाकर वहां पर ग्रामीण विकास से सम्बंधित कार्य तकनीकी प्रशिक्षण, तकनीकी हस्तांतरण, जलग्रहण विकास, ग्रामीण परिवेश, संस्कृति व रोजगार, शिक्षा आदि विकास कार्य को समझा व अध्ययन किया।