Udaipur.जैन समुदाय के महापर्यूषण पर्व के तहत शहर के विभिन्न जैन स्थानकों में चातुर्मास कर रहे संतों के प्रवचन शुरू हुए। तेरापंथ भवन में चातुर्मास कर रहे आचार्य महाश्रमण के शिष्य शासन मुनि रवीन्द्र कुमार ने पहले दिन खाद्य संयम दिवस पर कहा कि संयम से खाना चाहिए असंयम से नही।
भूख नहीं लगना एक बीमारी है तथा भूख लग जाए तो भी बीमारी है। ब्रहृमुहूर्त में उठना चाहिये, जो सोया हुआ हैं वो जैनी नही हैं, जो जागा हैं वो जैनी हैं। नींद उडा़ने के लिए साधना जरूरी है। ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप की सम्यक आराधना का महापर्व पर्यूषण आज से जैन संतों के सान्निध्य में शुरू हुआ। तेरापंथ सभा अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि उदयपुर में भी तेरापंथ समाज के पर्यूषण कार्यक्रम मुनि रविन्द्र कुमार एवं मुनि पृथ्वीराज के सान्निध्य में अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में शुरू हुए। पर्युषण पर्व के प्रथम दिन मुनि रविन्द्र कुमार ने जयाचार्य की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि मनुष्य ही नही वरन् देवता भी उनकी सेवा में आते थे और उपासना करते थे। उन्होंने अनुशासन व मर्यादा का मान बढाया हैं, संघ की नींव को मजबुत करने में उनका वृह्द योगदान हैं, उन्होंने आंतरिक एवं बाहृय दोनों कष्ट सहे लेकिन धीरज नही खोया, श्रावक-श्राविकाओं का विरोध भी सहा पर अपनी साधना को निरन्तर जारी रखा।
तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज ने प्रवचन में कहा कि व्यक्ति के भीतर करुणा, मैत्री का भाव प्रबल हो, श्रावक अपने जीवन में आत्मा का कल्याण करे, पर्यूषण पर्व हमें साधना की ओर ले जाने का पर्व हैं। उन्होंने कहा कि आहार तीन प्रकार के होते हैं तामसी, राजसी एवं सात्विक पर्यूषण पर्व हमें प्रेरणा देता हैं कि तामसी भोजन को त्याग कर सात्विक भोजन करे जिससे व्यवहार शुद्ध रहता हैं। पर्यूषण पर्व पर मुनि दिनकर एवं मुनि शांतिप्रिय ने प्रवचनों की रसधारा से सभी श्रावकों को सरोबार किया।
पर्यूषण के प्रारंभ में वंदना बाबेल, मीनल इण्टोदिया, ममता सोनी, किरण चपलोत, पायल चपलोत, आशा ओस्तवाल, दीपा इन्टोदिया द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत की। तेरापंथ समाज के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने स्वागत करते हुए कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। संचालन मंत्री अर्जुन खोखावत द्वारा किया गया। पर्युषण पर्व कार्यक्रम में तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष धीरेन्द्र मेहता, महिला मण्डल अध्यक्ष मंजू चौधरी, मंत्री दीपिका मारू, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष निर्मल कुणावत, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष गणेश डागलिया आदि उपस्थित थे।