महावीर एकेडमी में जिलास्तरीय विज्ञान, गणित मेले का उद्घाटन
Udaipur. जिलास्तरीय विज्ञान मेलों के जनक एसआईईआरटी के पूर्व उपनिदेशक शरदचंद्र पुरोहित ने कहा कि ऐसे विज्ञान मेलों से छात्र-छात्राओं को समय प्रबंधन सहित बहुत कुछ सीखने को मिलता है। नई सोच, नई कल्पनाओं का जन्म ऐसे ही मेलों में होता है। देश के भावी वैज्ञानिकों को प्रेरित कर आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षकों को ही निभानी है।
वे बुधवार को गायरियावास स्थित महावीर एकेडमी सीनियर सैकण्डरी स्कूल में जिलास्तरीय विज्ञान, गणित, जनसंख्या एवं पर्यावरण मेले के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं मॉडल दिखाने से पहले खुद उसकी जांच करें और फिर दिखाएं ताकि मॉडल उन्हें समय पर धोखा न दे जाए।
इससे पहले मेले के उद्घाटन की विधिवत घोषणा करते हुए जिला प्रमुख मधु मेहता ने कहा कि आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। सरकार ने भी छात्रों को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कई कार्यक्रम चला रखे हैं। जरूरत है उन्हें जानने, समझने और भागीदारी निभाने की। शिक्षक-शिक्षिकाओं की जिम्मेदारी इस समय और बढ़ जाती है कि वे छात्र-छात्राओं पर विशेष ध्यान देकर उन्हें आगे बढऩे और ऐसे मेलों के भागीदार बनने को प्रेरित करें।
विशिष्ट अतिथि पूर्व शिक्षा उपनिदेशक धर्मचंद नागौरी ने कहा कि ऐसे जिलास्तरीय विज्ञान मेलों के जनक पुरोहित की सोच का परिणाम है कि आज राष्ट्रीय स्तर से राज्य स्तर एवं जिलास्तरीय विज्ञान मेलों का आयोजन किया जाता है। विद्यार्थियों के मॉडल्स में शिक्षकों की रुचि भी बढ़ी है। इन्हीं बाल वैज्ञानिकों को प्रेरित करने के लिए इन सभी अतिथियों का आगमन आज इस मंच पर हुआ है। उन्होंने एकेडमी के निदेशक राजकुमार फत्तावत की सराहना करते हुए कहा कि विभाग के कहे गए हर काम के लिए उन्होंने कभी इनकार नहीं किया। वे इसके लिए हमेशा तैयार रहे।
विशिष्ट अतिथि शिक्षा उपनिदेशक भरत मेहता ने कहा कि ऐसे जिलास्तरीय मेले विज्ञान के विद्यार्थियों के आगे बढऩे की प्रथम सीढ़ी हैं। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यहां अच्छा प्रदर्शन कर राज्यस्तरीय एवं फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपना, गांव, स्कूल व जिले का नाम रोशन करें। चार दिवसीय मेले में मॉडल्स की प्रदर्शनी लगेगी। शिक्षकों की स्पर्धाएं होंगी। बच्चों को तैयार कर यहां तक लाने का जिम्मा शिक्षकों का है। वे उन्हें प्रेरित करें और आगे बढऩे में सहायक बनें।
विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक-प्रथम) कृष्णा चौहान ने कहा कि बच्चे अपनी योजनाओं से आगे बढ़ेें। उन्हें प्रेरित करने और आगे लाने का काम विभाग का है। मेला इसी शृंखला की एक कड़ी है। बड़े अवसरों, मौकों के लिए जरूरत नहीं वरन् क्षण भर ही काफी होता है। मेले में कब वो क्षण किसके पास आ जाए, पता नहीं। इसलिए मेले में एकाग्रता के साथ हिस्सा लें और भागीदारी करें। यहां आपको आगे बढऩे की बहुत सीढिय़ां मिलेंगी। उन अवसरों का लाभ उठाएं।
एकेडमी के निदेशक राजकुमार फत्ताावत ने आरंभ में स्वागत करते हुए बताया कि मेले में करीब 146 विद्यालयों के 444 विद्यार्थियों का पंजीयन हुआ है। उन्होंने स्वागत उद्बोधन में कहा कि राज्य की मेरिट में हमारे जिले का पिछडऩा कहीं न कहीं हम सभी को पीड़ा देता है। इसलिए न सिर्फ विभाग बल्कि शिक्षक शिक्षिकाओं से भी मेरा आग्रह है कि योजनापूर्वक ऐसे कार्य को अंजाम दें ताकि हमारे बच्चे बोर्ड परिणामों में राज्य की मेरिट सूची में अपना स्थान कायम करें। एकेडमी ऐसी योजनाओं को पूरा करने के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है।
मेला संयोजक नाहरमगरा स्थित राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल के प्राचार्य निर्मल कुमार जारोली व मेला प्रभारी प्रकाश जोशी ने चार दिवसीय मेले में होने वाली गतिविधियों की छात्र-छात्राओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं को जानकारी दी।
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी खेलशंकर व्यास ने धन्यवाद देते हुए विभाग की ओर से आगंतुकों व अतिथियों का आभार जताया। अतिथियों का स्वागत एकेडमी के प्रधानाचार्य हमेरलाल पंड्या, लक्ष्मीनारायण माली आदि ने किया। आरंभ में एकेडमी की बालिकाओं ने वंदे मातरम एवं सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। समारोह के अंत में राष्ट्रगान हुआ। कार्यक्रम का संचालन सोनिका जैन ने किया।