चपलोत हॉस्पिटल में नई तकनीकयुक्त ध्वनि श्रवण यंत्र रहेंगे उपलब्ध
Udaipur. जर्मनी की सीमेंस कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बर्नेड वेगनर ने आज 265, भूपालपुरा ओ रोड़ स्थित नवनिर्मित चपलोत नाक कान,गला हॉस्पिटल में देश के पांचवें और राज्य के पहले सीमेंस बेस्ट साउंड सेन्टर का फीता काटकर उद्घाटन किया।
इस अवसर पर वेगनर ने बताया कि कंपनी निकट समय में देश के विभिन्न स्थानों पर प्रथम चरण में इस प्रकार के 15 और सेंटर और द्वितीय चरण में 10 और सेंटर स्थापित किये जाऐंगे ताकि कर्ण रोगियों को ईलाज के बेहतर उत्पाद एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकें। इस सेंटर पर कंपनी के विश्वस्तरीय सभी प्रकार के कम्प्यूटराईज्ड एवं नॉन कम्प्यूटराईज्ड श्रवण यंत्र तथा उनके बारें में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध रहेगी।
उन्होनें बताया कि कम्प्यूटराईज्ड श्रवण यंत्र वर्तमान समय की नवीन तकनीक है और इन श्रवण यंत्रों को तैयार करने से पूर्व ऑडियोमीटरी या बेरा टेस्ट किया जाता है, तत्पश्चात कर्ण दोष के आधार पर कम्प्यूटर के माध्यम से श्रवण यंत्र में ध्वनि समायोजित की जाती है। वेगनर ने बताया कि कंपनी ने दो वर्ष पूर्व ही मिनी सीआईसी (CIC)सूक्ष्म मशीन लॉन्च की है जो कान में लगाने के बाद भी वह मशीन दिखाई नहीं देती है। इसके अलावा कंपनी ने कर्ण दोष को दूर करने के लिए करीब 8 माह पूर्व एक ऐसी वाटरपू्रफ एक्वारिस मॉडल मशीन लॉन्च की है जो 3 फीट गहरे पानी में 3 घंटे तक पड़े रहने के बावजूद खराब नहीं होती है।
चपलोत नाक, कान, व गला हॉस्पीटल के निदेशक डॉ. चन्दर चपलोत ने बताया कि जन्म से ही बहरे बच्चों के लिए नाईट्रो सूक्ष्म सीआईसी (CIC) सीआईसी मशीन भी उपलब्ध है जो प्रफाउण्ड लॉस (120 डीबी) से अधिक नुकसान होने पर भी काम आती है। यह मशीन कान के अन्दर लगायी जाती है। डॅा. चपलोत ने बताया कि सोते समय कान की मशीनों को निकाल देना चाहिए। उन्होनें बताया कि कंपनी द्वारा निर्मित विश्व स्तरीय मशीनों की लागत 2 हजार रूपयें से लेकर सवा दो लाख रूपयें तक की आती है। सीमेंंस कंपनी ने हाल ही में 42 चैनल वाली एक ऐसी मशीन लॉन्च की है जिसके लगाने पर साफ सुनाई देने की क्षमता और बढ़ जाती है।
उन्होंने बताया कि हॉस्पीटल में नाक,कान एंव गला रोगियों के लिए प्रत्येक तीन माह में हॉस्पीटल परिसर में एक शिविर आयोजित किया जाएगा। जिसमें रोगियों को मरीजों को किफायती दर पर श्रवण यंत्र उपलब्ध करायें जाऐंगे,पुराने श्रवणों यंत्रों का एक्सचेंज भी किया जा सकेगा,विशेषज्ञों द्वारा बधिर बच्चों को स्पीच थैरेपी का प्रशिक्षण एंव नवीनतम जानकारी दी जाएगी एंव विभिन्न प्रकार की पोस्टर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। डॅा. चपलोत ने बताया कि इस हॉस्पीटल में बेरा टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध है जिसके जरीये मात्र 1 दिन के बच्चें की भी जांच कर बताया जा सकता है कि बच्चें में सुनने की क्षमता कितनी है। इस जांच को अनेक परिस्थितियों जैसे बच्चों का प्रसव के दौरान देर से रोना,बच्चों में ताण आना,बच्चों का देर से बोलना,मंा का गर्भावस्था में तेज बुखार का आना,मंद बुद्धि बच्चों आदि में स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में किया जाता है। चपलोत हॉस्पीटल में इन सभी प्रकार की जांच एवं निवारण की सुविधाओ का उपलब्ध होने पर अब किसी भी मरीज को जांच व उपचार के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।