झूमकर बरसे बादल
Udaipur. एक बार फिर लौटकर आया मानसून सभी को तर कर गया। क्या झीलें, क्या सड़कें और क्यार आमजन का मन…। हर कोई प्रफुल्लित है। चहुंओर बारिश का असर है। शनिवार शाम बरसे बादलों ने तो बाजार का रूप ही बदल दिया। बाजार जल्दी बंद हो गए।
सुबह से शहर में बादलों ने रिमझिम के रूप में बरसकर अपना रुख प्रकट कर दिया। फिर रह रहकर कभी तेज तो कभी धीमे बरखा होती रही। आने-जाने वाले काम करते रहे और बरखा अपना। फिर शाम करीब 6 बजे फिर से बारिश की झड़ी लगी जो करीब आठ बजे तक जारी रही। बारिश बंद होने के बावजूद घरों से गिरने वाले नालदे बरखा का आभास कराते रहे। अमूमन 10 बजे बंद होने वाली धानमंडी 8 बजे सुनसान हो गई।
मानसी वाकल के गेट खुलने वाले हैं जिसका पानी सीसारमा से होते हुए पीछोला में आएगा। पीछोला पहले ही लबालब होकर छलक रहा है। इसके बाद पीछोला के गेट खोले जा सकते हैं। फतहसागर में अभी मदार से आवक शुरू नहीं हुई है। इसके बाद उसके भी गेट खोले जाएंगे।
फसलों को नुकसान
फतहनगर। शनिवार को दिनभर रिमझिम का दौर चला। सुबह से आसमान में बादल छाए रहे तथा दोपहर में कभी तेज तो कभी धीमी गति से बारिश होती रही। रूक-रूक कर बारिश होने से मौसम ठण्डा हो गया तथा लोग जल्द ही घरों में जा दुबके। शुक्रवार को भी बारिश हुई थी। इस बारिश के बाद किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें है। खरीफ की फसलें सूख चुकी है तथा खेतों में किसान इन्हे समेटने में लगा है। जिन किसानों ने फसलों की कटाई कर ली है उन्हें अधिक नुकसान की आशंका सता रही है।