पूर्व कृषि छात्र परिषद के अधिवेशन में हुई चर्चा
Udaipur. राजस्थान कृषि महाविद्यालय की पूर्व छात्र परिषद् के रविवार को महाविद्यालय परिसर में हुए वार्षिक अधिवेशन में महाविद्यालय के बीच से सड़कें निकालने को लेकर भी चर्चा हुई। परिषद के अध्यक्ष डॉ. बी. बी. एल. ठाकोर ने कहा कि महाविद्यालय के बीच से सड़कें निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इसे महाविद्यालय को समाप्त करने की साजिश बताया।
इससे पूर्व मुख्यद अतिथि के रूप में गुजरात कृषि विश्व विद्यालय, दांतीवाड़ के पूर्व कुलपति डॉ. बी.एस. चुण्डावत ने कहा कि सेवानिवृति के बाद भी पूर्व छात्र अपने अनुभवों व ज्ञान का उपयोग कर अपने समाज को लाभान्वित कर सकते हैं। अमेरिका में विश्वृविद्यालयों के पूर्व छात्र नये छात्रों के विश्व विद्यालय से निकलने के बाद उनको नौकरी या व्यवसाय जमाने में पूरी मदद करते हैं।
अधिष्ठाता व परिषद के संरक्षक डॉ. एस.आर. मालू ने बताया कि महाविद्यालय के छात्र अच्छी नौकरियां व छात्रवृतियां प्राप्त कर रहे हैं एवं महाविद्यालय से निकले छात्रों ने देश व बाहर बहुत नाम व उत्कृवष्ट् कार्य किया है। नए सदस्यों का अभिनंदन किया गया। विभिन्न विषयों व स्नातक छात्रों को प्रायोजित पुरस्कार प्रदान किए गए। नवाणियां गांव के कृषक राधेश्यायम व्यास को डॉ. यशवन्त कोठारी द्वारा प्रायोजित उदयपुर क्षेत्र के उत्तम कृषक का पारितोषिक एवं उत्कृ.ष्टा कृषि प्रसार कार्यकर्ता का पुरस्कार विकास कुमार चेचाणी को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर परिषद द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमाचन एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरोही द्वारा प्रकाशित कृषि सम्बल-कृषि योजनाएं पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। परिषद के महासचिव डॉ. उमाशंकर शर्मा ने वर्ष भर की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि वार्षिक अधिवेशन के अलावा परिषद डॉ. ए. राठौर मेमोरियल लेक्चर एवं विभिन्न प्रसार गतिविधियों में अपना योगदान प्रदान करती हैं। अन्त में परिषद के उदयपुर चेप्टर के उपाध्यक्ष गोपाल शर्मा ने धन्यवाद दिया। संचालन प्रो. सुभाष भार्गव ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के कई वरिष्ठ पूर्व छात्र मुख्यतः डॉ. के. एन. नाग, डॉ. एम. एम. सिमलोट, डॉ एस.एल. माथुर, डॉ. एन.एल. जोशी आदि सम्मिलित थे।