महिलाओं ने जानी असली व नकली पश्मीना की पहचान
Udaipur. अनुपम महिला क्लब उदयपुर द्वारा फील्ड क्लब में आयोजित तीन दिवसीय मेला ईवा-2013 के अंतिम दिन आज युवतियों ने रैम्प पर जलवे बिखेरे। रविवार होने के कारण अंतिम दिन महिलाओं की खासी भीड़ रही।
मेले में मूलत: कश्मीर हाल अमृतसर निवासी संजय व अनुज ने बताया कि लद्दाख में पाई जाने वाली पश्मीना नामक भेड़ से प्राप्त होने वाली ऊन को हाथ से कढ़ाई कर शॉल तैयार की जाती है। पश्मीना नामक भेड़ से प्राप्त होने वाली ऊन के नाम पर ही शॉल का नाम भी पश्मीना पड़ गया। मेले में आने वाली महिलाओं को असली व नकली पश्मीना के अन्तर को बताकर वे पश्मीना शॉल के नाम पर धोखा करने वाले व्यावसयियों से बचने के लिए जागरूक कर रहे है। एक ही असली पश्मीना शॉल में अलग-अलग वेरियेशन कहीं पतली तो कहीं मोटी दिखाई देती है जबकि वह होती एक सी है।
मेले में बिना अण्डे की चॉकलेट व बिना मैदे के बिस्किट की स्टॉल पर महिलाओं की भीड़ उमड़ी। उन्होंने इस स्टॉल पर इस प्रकार की चॉकलेट व बिस्किट बनाने की विधि भी सीखी। दिल्ली से आई महिला उद्यमी महिलाओं के लिए विशेष रूप से अनारकली, पाकिस्तानी सूट्स, प्योर सिल्वर व गोल्ड पत्र की ज्वैलरी, डिजाईनर ट्यूनिक साड़ी लेकर आई जिन्हें काफी पसन्द किया जा रहा है। कम से कम 1 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक की इटालियन डिजाईन की हुई ज्वैलरी मेले में उपलब्ध कराई गई। क्लब अध्यक्ष पूनम लाडिया व सचिव प्रेमा दोशी ने बताया कि शाम को मेले में साड़ी व ज्वैलरी पहनकर युवतियों ने रेम्प पर जलवे बिखेरे। मेले के अंतिम दिन आज रात्रि को रेफल कूपन पर ड्रा निकाला गया। विजेता को टिकिट दिखाने पर पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। मेले में तीनों दिन हजारों महिलाओं ने भागीदारी कर मेले को सफल बनाया।