आईआईएमयू में एचआर कान्क्लेव
Udaipur. भारतीय मानव संसाधन विकास के जनक प्रो. टी. वी. राव ने कहा कि सफल लीडर की पहचान नए लीडर बनाने पर निर्भर करता है। उसने कितने नए लीडर बनाए। इससे उसकी लीडरशिप की सफलता का अहसास होता है।
प्रो. राव रविवार को आईआईएम उदयपुर की ओर से होटल शेरटन में मानव संसाधन पर आयोजित कान्लेिव व को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 360 डिग्री फीडबैक की जरूरतें बताते हुए एच आर प्रबंधकों को अपने सीईओ के निर्णय को प्रभावित करने का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में सबसे बड़ा धन प्रतिभा है। रुपए में गिरावट संभव है लेकिन प्रतिभा हमेशा बढ़ने वाला धन है।
कान्क्लेव का उदघाटन आईआईएमयू के निदेशक प्रो. जनत शाह और प्रो. ताताचारी ने दीप प्रज्वलन कर किया। बिजनेस दृष्टिकोण से मानव संसाधन की ओर बदलाव विषयक सत्र में टीसीएस के कृष गणेशन, सिट्रिक्स सिस्टम्स के एचआर निदेशक पल्लव, इनमोबी के केविन एवं इंफोटेक के अशोक रेड्डी ने अपने विचार व्यक्त किए। इन्होंने कहा कि एचआर मैनेजर्स को लोगों और बिजनेस को एक साथ समझने, संस्थाओं में निजी और संस्था के समान लक्ष्य की प्राप्ति आदि मुख्य बिन्दू थे।
दूसरे वर्ष के छात्र ऋतुराज चेंज मैनेजमेंट का ग्लोतबल मॉडल में रोल विषय पर केडिला के बोमी, अक्सातल्टाब कोटिंग सिस्ट्म की मेधा जैन, ऑरेकल फाइनेंशियल के गणेश रामकृष्णकन और विप्रो के राजेन्द्रो ने विचार व्यक्त किए। चेंज मैनेजमेंट के असफल होने के कारणों एवं पिछले अनुभव को तरजीह देने के साथ साथ लचीले सिस्टाम की जरूरत पर चर्चा हुई। इसमें बजाज ऑटो के अमृत रथ, आईएनजी वैश्य की कविता कुरुप, रिलायंस इंडस्ट्री ज के सौविक एवं वेदांता की सुमा पोदुवाल ने विचार व्यैक्तय किए। निदेशक प्रो. शाह ने छात्रों द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए प्रोत्साहित किया।