विद्यापीठ के श्रेय भारती केन्द्र पर महिला चेतना तथा महिला सशक्तिकरण पर सेमीनार
Udaipur. देश दुनिया और समाज में जिस तेजी से बदलाव हो रहा है उस हिसाब से समाज में महिलाओं के प्रति लोगों के नजरिये एवं मानसिकता और सोच में बदलाव नहीं हो रहा है। हम आज भी गांवों में उसी सोच एवं परम्परा की बात करते हैं जिस सोच एवं परम्परा को कट्टरपंथी और समाज के तथाकथित ठेकेदार अपनी बातों को महिलाओं पर लादने की कोशिश करते हैं।
यह बात जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वपविद्यालय के कुलाधिपति एवं भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के अध्यक्ष प्रो. भवानी शंकर गर्ग ने विद्यापीठ के साकदोरा स्थित श्रेय जन भारती केन्द्र पर बुधवार को आयोजित महिला और समाज तथा महिला नेतृत्व क्षमता पर आयोजित सेमीनार में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। समारोह में साकरोदा गांव के आसपास के 25 गांवों की अनुसूचित जाति तथा जनजाति की 127 महिलाएं उपस्थित थी।
बेटियों को दें शिक्षा : समारेाह में उपस्थित आदिवासी महिलाओं को आव्हान करते हुए प्रो. गर्ग ने कहा कि महिला समाज की रीढ़ की हड्डी है। महिलाएं आदर्ष नारी का रोल निभाते हुए सर्वप्रथम अपने परिवार की बेटियों को षिक्षा दे तथा उन्हें रोजगारोन्मुख षिक्षा से जोड़े।
साकरोदा बनेगा मॉडल गांव : प्रो. गर्ग ने कहा कि राजस्थान विद्यापीठ के साकरोदा को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की दृष्टि से साकरोदा गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगा।
मुख्य अतिथि भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ, नई दिल्ली के महासचिव डॉ. कैलाश चौधरी ने कहा कि विद्यापीठ ने मेवाड़ के आदिवासी अंचल के क्षेत्र में प्रौढ़ शिक्षा, सतत् शिक्षा तथा अनौपचारिक शिक्षा सहित पर्यावरण जनचेतना का कार्य किया हैं तथा वंचित वर्ग के लोगों को साक्षरता से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। शिक्षा ही जीवन को समृद्ध बनाती है इसलिए महिलाओ को षिक्षा के साथ रोजगार जोड़ने का कार्य विद्यापीठ ने किया है।
अध्यक्षता करते हुए वाइस चांसलर प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि महिला सशक्तिकरण सामाजिक विकास की पूंजी है इसे महिला विकास तथा जेंडर समानता पर पूरा ध्यान देना होगा। महिलाओं के द्वारा अधिकतर जो विकास के कार्य किये जाते है जिनमें निर्माण कार्य, कृषि कार्य, घरेलू उपकरणों की मरम्मत, पशु पालन आदि शामिल है। वर्तमान समय में समाज की सोच में बदलाव की आवश्योकता है जिसमें महिलाओं को आर्थिक सामाजिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्र में आगे लाना होगा तभी वह अपनी ऊंची उडा़न उड़ सकेगी।
प्रौढ़ शिक्षा संघ के उपाध्यक्ष डॉ. मनोहरसिंह राणावत ने कहा कि महिलाओं को शिक्षा के साथ साथ स्वरोजगार से भी जोड़ना जरूरी है। स्वागत उदबोधन कम्युनिटी सेंटर के निदेशक हरीश गन्धर्व ने किया। संचालन व्यवस्थापक राकेश दाधीच ने किया जबकि धन्यवाद महिला अध्ययन विभाग की निदेशक डॉ. मंजू मांडोत ने अदा की।