उदयपुर। मनोविशेषज्ञ डॉ. कल्पना जैन ने कहा कि फिगर प्रिट, जो प्रत्येक व्यक्ति के भिन्न होते हैं, से व्यक्तित्व गुणों, अनुवांशिक विकृतियां जैसे डाउन सिण्ड्रोम, जन्मजात अंधता आदि की जानकारी मिलती है। इस क्षे़त्र में अनुसंधान से व्यक्तित्व विकास, अपराध रोकथाम, परामर्श विशेषतः केरियर परामर्श में नये आयाम स्थापित किए जा सकते हैं।
वे शुक्रवार को मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के तत्वावधान में डरमेटोग्लेफिक्स व मल्टीपल इंटेलीजेंस टेस्ट विषय पर व्याख्यान को संबोधित कर रही थीं। प्रमुख वक्ता विनीत बया ने फिंगर प्रिंट के प्रकारों को स्पष्टि करते हुए कहा कि इसके माध्यम से जन्मजात क्षमताओं की पहचान कर केरियर परामर्श किया जा सकता है। अद्वैत शर्मा ने बताया कि विभिन्न अगुलियों के प्रिंट बुद्वि के विभिन्न प्रकारों – संगीतीय, तर्क, अंतरावैयक्तिक, अंतरवैयक्तिक, काइनेस्थेटिक इत्यादि को इंगित करते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक विज्ञान व मानविकी महाविद्यालय के डीन प्रो. शरद श्रीवास्तव ने स्वयं के जीवन के उदाहरण देते हुए कहा कि हर व्यक्ति अपनी क्षमताओं के अनुसार लक्ष्य का चयन कर कार्य संतुष्टि प्राप्त कर समाज को अधिक से अधिक योगदान दे सकता है। संचालन डॉ. सीमा जैन ने किया व धन्यवाद विश्वक चौधरी ने दिया। कार्यक्रम में विभिन्न संकायों से प्रो फरीदा शाह, प्रो निर्मला जैन, प्रो फारूख बक्शी, प्रो सीमा मलिक, डॉ जी एस कुंपावत, डॉ अरूणप्रभा चौधरी, डॉ सुधा चौधरी, डॉ सीमा जालान, डॉ शिप्रा लवानिया, डॉ रेखा पालीवाल इत्यादि तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।