साक्षात्कारकर्ता की बॉडी लेंग्वेज समझाना भी जरूरी
विद्या भवन पॉलीटेक्निक में बॉडी लेंग्वेज, इन्टरव्यू स्किल्स व सीवी प्रिपरेशन कार्यशाला
उदयपुर। यह जमाना “विज्यूल रिज्यूमे” का है। अब तक रेज्यूमे कागज पर टाइप करके ही प्रस्तुत किये जाते है लेकिन डिजीटल युग में “विजुअल रिज्यूमे” का प्रचलन बढ़ा है। इसमें नियोक्ता आवेदक से मिले बिना ही उसके बारे में, उसकी उपलब्धियों के बारे में जान सकता है।
यह जानकारी विद्या भवन पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में आयोजित बॉडी लेंग्वेज, इन्टरव्यू स्किल्स व सीवी प्रिपरेशन कार्यशाला में दी गई। कार्यशाला में एनिमेन्टर ट्रेनिंग सॉल्यूशंस के क्रियेटिव हेड लक्षित कोठारी ने कहा कि रफ्तार से बदलती तकनीक के इस युग में खुद को भी निरन्तर अपडेट रखना जरूरी है। रिज्यूमे या सीवी का लेटेस्ट ट्रेंड “विजुअल रिज्यूमे” है। इसमें खुद का पर्सनल विडियो, क्वालिफिकेशंस, स्किल्स, एक्सपीरियंस, किये गये कार्य इत्यादि का वीडियो तैयार होता है।
ट्रेनिंग हेड अर्चना सिंह ने कहा कि किसी भी इन्टरव्यू में साक्षात्कारकर्ता उम्मीदवारों की बॉडी लैंग्वेज परखते हैं, लेकिन यदि उम्मीदवार भी साक्षात्कार कर्ता की बॉडी लेंग्वेज समझना सीख ले तो निश्चहय ही वे अधिक प्रभावशाली सिद्ध होंगे। इससे वे यह पता कर सकते हैं कि साक्षात्कारकर्ता उनके जवाबों से संतुष्ट है या नहीं। इन्टरव्यू उनके फेवर में जा रहा है या नहीं या साक्षात्कार कर्ता को उम्मीदवार में काबिलियत दिख रही है या नहीं। वर्कशॉप में माइंड गेम्स के माध्यम से विद्यार्थियों के ज्ञान को भी परखा गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य अनिल मेहता ने कहा कि ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, उन्हें सिर्फ तराशने की आवश्यनकता है। उन्हें सही मार्गदर्शन व बाजार के लेटेस्ट ट्रेंड के बारे में जानकारी देने पर वे महानगरों के विद्यार्थियों से भी अधिक परिणाम दे सकते है। संयोजन विभागाध्यक्ष गौरव पालीवाल ने किया।