नए वर्ष में एसीबी की बड़ी कार्रवाई
उदयपुर। शराब की दुकानों से मासिक बंदी एवं झूठा मुकदमा बनाकर साढ़े चार लाख रुपए ऐंठने के बाद शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने नए वर्ष के आगाज में ही पुलिस उपअधीक्षक, थानाधिकारी एवं हेड कांस्टेबल को रिश्व्त लेते गिरफ्तार किया।
ब्यूरो के एएसपी राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि पुलां निवासी सुनील पूर्बिया एवं कृष्णल गोपाल पूर्बिया ने शिकायत की कि कोटड़ा का डिप्टी मनीष शर्मा गत दिनों कोटड़ा तहसील स्थित उनकी तीन शराब की दुकानों पर झूठा मुकदमा बनाकर साढे़ चार लाख रुपए नकद ले गया। इसके बाद प्रत्येक दुकान से 10 हजार रुपए मासिक बंदी मांग रहा था। आरोपी पानरवा थानाधिकारी धूलसिंह मीणा भी तीनों दुकानों की एवज में प्रतिमाह 5 हजार रुपए मांग रहा था और झूठे मुकदमे से नाम निकालने को लेकर 25 हजार रुपए मांग रहा था। डैया चौकी प्रभारी हेड कांस्टेबल प्रभुलाल मीणा उसके क्षेत्र में आने वाली एक दुकान की एवज में 6 हजार रुपए मासिक बंदी मांग रहा था। एएसपी गोयल के निर्देश पर डिप्टी राजीव जोशी, पुलिस निरीक्षक वीरेन्द्रसिंह आड़ा एवं हरिश्चंद्र सिंह के नेतृत्व में तीन टीमें गठित की गई जो गत 17 दिसंबर से तीनों पर नजर रख रहीह थीं।
गुरुवार रात दोनों वादी अपने मित्र के साथ थानाधिकारी धूलसिंह को थाने से बाहर बुलाया और टहलते हुए 75 हजार रुपए दिए। उसने 25 हजार खुद रखे और 50 हजार डिप्टी को देने के लिए रख दिए। पैसे देने के बाद उन्होंउने ब्यू रो को इशारा कर दिया। टीम ने थानाधिकारी को बाहर ही दबोच लिया। उसने 50 हजार रुपए तो फेंक दिए लेकिन 25 हजार रुपए उसकी जेब से बरामद हो गए।
चौकी प्रभारी ने तीनों को फोन किया। उसे शंका हुई तो पास के एक मकान में रहने वाले कांस्टेबल के घर जाकर छिप गया। ब्यूरो की टीम ने भाग रहे प्रभुलाल का पीछा कर उसे दबोच लिया। वहां से टीम ने डिप्टीग राजीव जोशी को सूचना दी। इधर जोशी ने डिप्टी के सरकारी आवास पर पहुंचकर गिरफ्तारी की तैयारी शुरू कर दी। नाटकीय घटनाक्रम के बाद डिप्टी मनीष शर्मा को गिरफ्तार किया।