कुएं में गिरा था तीन दिन पहले
कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ा जाएगा
सुभाष शर्मा
उदयपुर। राजसमंद जिले में कोयल पंचायत के डबकुडिय़ा गांव में तलवा की भागल में गुरुवार को अस्सी फीट गहरे कुएं में गिरे पैंथर को तीन दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद रविवार को निकालने में सफलता मिल गई।
इस काम के लिए वन विभाग की टीम ने कई तरह के जतन किए यहां तक कि एक बार तो व्यकक्ति को भी पिंजरे में उतारा गया लेकिन रविवार को तीन बार ट्रेकुलाइज कर उसे बाहर निकाला जा सका। बाद में उसे कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य ले जाया गया, जहां उसके स्वास्थ्य की जांच की गई। होश में आने के बाद उसे सुरक्षित छोड़ दिया जाएगा।
पैंथर केसरसिंह के कुएं में गिर गया था। गुरुवार शाम जब वह कुएं से पानी की मोटर निकालने उतरने लगा तो पैंथर की गुर्राहट सुनकर घबरा गया। बाहर आ कर उसने वन विभाग के अधिकारियों व पुलिस को इसकी सूचना दी। शुक्रवार सुबह सात बजे से वन विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। आठ घंटे तक चले ऑपरेशन के बावजूद विभाग की टीम को सफलता नहीं मिली और अंधेरा गहराने के कारण उन्हें काम रोकना पड़ा। शनिवार को विभाग ने रेस्क्यू एक्सपर्ट पदमसिंह को बुलाया तथा कई तरह के जतन किए। कुएं में रस्सी के जरिए खाट डाली गई लेकिन पैंथर बाहर नहीं निकला। इसके बाद कैटल गार्ड रामसिंह को चड़स के जरिए कुएं में उतारा और उसने पैंथर के गले में फँदा डालने का प्रयास किया लेकिन उसे भी एक घंटे तक सफलता नहीं मिली तो छोटा पिंजरा कुएं में उतारा तथा उसमें दो मुर्गे बांधे गए। कुएं में पिंजरे का गेट अलग होकर गिरने से इस तरह के प्रयास में भी सफलता नहीं मिली तब पदमसिंह को पिंजरे में बंदकर उतारा गया। उसने पांच बार पैंथर पर फंदा फैंका लेकिन पैंथर उसकी पकड़ में नहीं आया।
तीन घंटे तक पदमसिंह ने कई बार जाल फैंकर पैंथर को पकडऩे की कोशिश की लेकिन वह हर बार उछलकर बचता रहा। इसके बार वन्यजीव प्रतिपालक बालाजी करी ने आठ सीढिय़ों को बांधकर कुएं में उतारा तथा आसपास मौजूद वनकर्मी व जमा भीड़ को हटाया ताकि पैंथर उस पर चढक़र निकल जाए लेकिन पैंथर फिर भी नहीं निकला। चार घंटे तक उस पर दूरी से निगाह रखी गई। वन अधिकारी पैंथर पर ट्रैकूलाइजर के उपयोग नहीं करना चाहते थे। उनका तर्क था कि यदि पैंथर को इसके जरिए बेहोश करने की कोशिश की तो वह पानी पीने उतरेगा तथा इससे वह पूरी तरह बेहोश नहीं होगा और कुएं के एक हिस्से में मौजूद पानी में गिरकर डूबकर उसकी जान जा सकती है। हर तरह के प्रयास के विफल रहने पर वन्यजीव प्रतिपालक करी ने आठ सीढिय़ों को जुड़वाकर नेट कुएं में उतारा। सुबह शुरू किए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान आठ घंटे की मशक्कत के बावजूद पैंथर बाहर नहीं निकाला जा सका तो पैंथर को तीन बार ट्रैंकुलाइज किया गया। वह बेहोश होकर जाले में जा गिरा तथा उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बाद में टीम उसे वन्यजीव अभयारण्य कुंभलगढ़ ले गई तथा उसके स्वस्थ होने व होश में आने के बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा।