महिला सशक्तिकरण एवं कम्प्यूटर साक्षरता पर कार्यशाला
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वाविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. भवानीशंकर गर्ग ने कहा कि जब तक सामाजिक व्यवस्थाएं नहीं बदलेगी तब तक बदलाव नहीं आएगा। इसके लिए महिलाओं को सुरक्षा समूह तैयार करना होगा।
उन्होंने कहा कि उसे समाज में अपनी पहचान सकारात्मक सोच रखते हुए बनानी होगी। अवसर था राजस्थान विद्यापीठ के संघटक महिला अध्ययन विभाग एवं जीवनपर्यन्त शिक्षा एवं विस्तार विभाग तथा केन्द्रीय श्रमिक बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को खरपीणा में आदिवासी सामुदायिक केन्द्र पर महिला सशक्तिकरण एवं कम्प्यूटर साक्षरता तथा बाल विकास पर आधारित कार्यशाला में विचार व्यक्त किए।
शिक्षा को जोड़े रोजगार से : उन्होंने कहा कि वर्तमान में बदलते परिवेष में आवश्यीकता इस बात की है कि जनजाति क्षेत्रों में महिला सषक्तिकरण व बाल विकास के लिए शिक्षा रेाजगार से जोडकर जनजाति क्षेत्रों को चहुंमुखी विकास की ओर अग्रसर किया जा सकता है। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों के विकास में महिला एवं बाल विकास एक महत्वपूर्ण कडी है जो भारतीय समाज में आदिवासियों की जनसंख्या 8 प्रतिषत है और वे विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त है। इसकी वजह से इनका समुचित विकास नहीं हो पाया। अतः इनके विकास के लिए षिक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक पहलुओं पर अनुसंधान किया जाना चाहिए।
स्वागत उद्बोधन महिला अध्ययन विभाग की निदेशक डॉ. मंजू मांडोत ने दिया एवं केन्द्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के प्रभारी डॉ. सुधीर वाडीवा ने बोर्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। महिलाओं को सम्मानित किया गया। खरपीणा स्थित 37 ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को 7 दिवसीय कम्प्यूटर का प्रारंभिक ज्ञान दिया गया। धन्यवाद केन्द्र प्रभारी मधु पालीवाल ने दिया।