उदयपुर। एमपीयूएटी के कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने कहा कि ई-लर्निंग आज के समय की विशिष्टन मांग है और विशेषकर बीएससी उद्यानिकी के छात्रों के लिये विकसित किये जा रहे ई-कोर्सेज विद्यार्थियों के लिये अत्यन्त लाभकारी है। डॉं. गिल ने ऐसे ई-लर्निंग कोर्सेज विश्वविद्यालय की सम्पूर्ण फैकल्टी के लिये आयोजित करने पर विशेष जोर दिया।
वे गुरुवार को दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय एवं डॉं. वाई. एस. परमार, उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन के तत्वावधान में हो रही है। डॉं. वाई. एस. परमार, उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के होर्टिकल्चर कॉलेज के डीन डॉं. जे. पी. शर्मा ने ई-कोर्स विकसित करने के सन्दर्भ में राष्ट्रीय कृषि नवोन्मुखी परियोजना के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज पूरे देश में कृषि एवं उद्यानिकी में अध्ययनरत छात्रों के लिये सैकड़ों ई-लर्निंग कोर्सेज मुडल प्लेट फार्म पर ऑफ लाइन एवं ऑनलाइन तैयार किये जा रहे हैं जिससे इन कोर्सेज में पूरे देश में न केवल एक जैसी समानता होगी बल्कि विद्यार्थियों को मोटी-मोटी पुस्तकों से छुटकारा मिलेगा। ई-कोर्स के रूप में पाठ्य सामग्री कम्प्युटर एवं इन्टरनेट के माध्यम से 24 घण्टे उनके पास उपलब्ध रहेगी जिसमें विडियो, ऑडियो, केस स्टडीज एवं ऑनलाइन विचार-विमर्श की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
अध्यक्षता राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस. आर. मालू ने की। कार्यक्रम में ई-लर्निंग कोर्सेज विकसित करने के लिये उद्यानिकी विश्ववविद्यालय सोलन के महेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रतिभागियों को विशिष्टल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। समन्वयक डॉं. राजीव बैराठी ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। संचालन सह प्राध्यापक लतिका शर्मा ने किया।