राष्ट्रसंत गणेश मुनि का नागरिक अभिनंदन
प्रदान किया जाएगा साहित्य दिवाकर विभूषण सम्मा्न
शास्त्री की 12 पुस्तकों और एक सीडी का होगा विमोचन
udaipur. अमर जैन साहित्य संस्थान द्वारा राष्ट्रसंत गणेश मुनि शास्त्री के सानिध्य में उदयपुर जैन समाज के इतिहास में पहली बार ज्ञान गंगा महोत्सव 11 दिसंबर को हिरण मगरी से. .11 स्थित श्रीराम वाटिका में सुबह साढ़े नौ बजे से होगा।
गणेश मुनि ने अमर जैन साहित्य संस्थान परिसर में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि समारोह में करीब तीन हजार श्रावक-श्राविकाएं तथा विभिन्न प्रांतों से 30 से अधिक साधु-साध्वी भाग लेंगे। गणेश मुनि म.सा. की 12 नवीन साहित्य एंव 1 धार्मिक भक्तामर स्त्रोत एनिमेशन सीडी का विभिन्न अतिथियों द्वारा विमोचन किया जायेगा। गणेश मुनि को राष्ट्र संत की उपाधि पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा से मिली थी।
अमर जैन साहित्य संस्थान के अध्यक्ष भंवर सेठ ने बताया कि मुख्य अतिथि मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आई. वी. त्रिवेदी तथा दोहा-कतर के युवा रत्न संजीव कुमार जैन तथा परम विशिष्टे अतिथि जिला प्रमुख मधु मेहता,नगर परिषद सभापति रजनी डांगी, उद्योगपति मांगीलाल लुणावत, आलोक संस्थान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत, केन्या के चेतन संगराजका, अम्बाला के लाला तरसेम कुमार जैन तथा अहमदाबाद के मांगीलाल विनायकिया होगें जबकि अध्यक्षता दुबई के श्रेष्ठी शिरोमणि लाला प्रकाशचंद जैन करेंगे।
मंत्री श्यामलाल झगड़ावत ने बताया कि सुबह नौ बजे कार्यक्रम का श्रीगणेश होगा। सवा नौ बजे सर्जन के बोल, 10 बजे ज्ञानवाणी का वर्षण,11 बजे सम्मान समारोह, साढ़े ग्यारह बजे पद अलंकरण,पौने बारह बजे साहित्य लोकार्पण, तथा सवा बारह बजे आशीष का आलोक कार्यक्रम होंगे। कार्यक्रम का संचालन कवि प्रकाश नागौरी द्वारा किया जायेगा।
गणेश मुनि ने बताया कि उन्होनें अपने जीवन में सिर्फ दो महापुरूषों महात्मा गांधी व लौह पुरूष सदार वल्लभ भाई पटेल को छोडक़र हर एक नेता, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जननेता, समाजसेवी, विद्धजन से मिले है। इस अवसर पर डॉ. महेन्द्र भानावत, विजयनगर के डॅा. खटका राजस्थानी, कानोड़ के विपिन जारोली, डॉ. हरिसिंह कंठालिया व इन्दरचंद कर्णावट व गुरू प्रवर के साहित्य पर पीएचडी करने वाले डॉ. विकास चौधरी को समारोह में ज्ञान गंगा के दीप सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
साहित्य जिनका होगा लोकार्पण : कार्यक्रम में 12 नवीन पुस्तकों में से ‘आओं जैन श्रावक बनें’ नामक एक सचित्र पुस्तक जो श्रावकों के 12 व्रतों पर आधारित है तथा ‘समय के शब्द’ नामक पुस्तक में 1800 मुक्तकों का लेखन किया गया है। इनके अलावा संकल्प के सारथी, महके मन का आंगन, संबोधि, सुबह के भूले, सागर और तूफान, प्रीत की परिणति,चरित्र का चमत्कार, फिर खिला बसन्त,पुनर्जन्म की अनुभूति तथा आदिनाथ भगवान पर लिखित भक्तामर स्त्रोत पर तैयार की गई एनिमेशन फिल्म सीडी का लोकार्पण होगा।
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