अदालत ने चिकित्सक को जारी किया नोटिस
रिश्वत के मामले को खींच रहा था परिवादी
उदयपुर। रिश्वत के मामले को परिवादी द्बारा लंबित करने पर अदालत ने जमानती वारंट से तलब किया है। साथ ही रोग प्रमाण पत्र जारी करने वाले चिकित्सक को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर परिवादी की बीमारी के बारे में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं।
प्रकरण के अनुसार 12 जून 2००3 को पुराना बस स्टैण्ड बांसवाड्èा निवासी वार्ड 21 के तत्कालीन पार्षद मनीष पुत्र नटवर लाल त्रिवेदी को पुनर्वास योजना के तहत दुकान आवंटन कराने की एवज में परिवादी प्रभुलाल मोची से पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इस मामले के विचारण के दौरान अभियोजन साक्ष्य की स्टेज पर परिवादी प्रभुलाल मोची की ओर से प्रार्थना पत्र साक्ष्य के लिए स्वयं पेश ना होकर 12 मार्च 2०14 को स्वयं का रोग प्रमाण पत्र महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डॉ. रवि उपाध्याय से प्रा’ कर पेश किया। सहायक निदेशक अभियोजन राजेश धडके ने उक्त प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए न्यायालय कोअवगत कराया कि परिवादी न्यायालय में लंबे समय से तलब किए जाने के बावजूद कोर्ट में साक्ष्य के लिए उपस्थित नहीं हुआ। चिकित्सक से झूठा रोग प्रमाण पत्र प्राप्त कर अनावश्यक मौके लेकर मामले को लंबित कर रहा है, जबकि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार छह माह में प्रकरण का निस्तारण किया जाना है। दोनेां पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण मामलात) के पीठासीन अधिकारी नरसिंहदास व्यास ने अपने फैसले में लिखा कि परिवादी को अपनी पेशी पर जमानती वारंट से तलब करते हुए रोग प्रमाण पत्र जारी करने वाले चिकित्सक रवि उपाध्याय को स्वयं न्यायालय में उपस्थित होकर बीमारी के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी किया।