वायरलैस संचार एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर राष्ट्रीय सम्मेलन
उदयपुर। मणिपाल विश्वषविद्यालय जयपुर के अध्यक्ष डॉ. संदीप संचेती ने वायरलैस दूरसंचार तकनीकों के विकास के लिए निरंतर शोध एवं अनुसंधान की आवश्ययकता बताते हुए कहा कि अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर उच्च गुणवत्ता पूर्ण व ऊर्जा कुशल संचार तकनीकी प्रणाली व संचार यंत्रों का विकास किया जाए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संचार क्रांति के इस युग में यहां के विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल है।
वे शुक्रवार को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक सीटीएई महाविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती वर्ष में इलेक्ट्रोनिक्स व संचार अभियांत्रिकी विभाग के तत्वावधान मे आयोजित वायरलैस संचार एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
विशिष्ट अतिथि बीएसएनएल उदयपुर के महाप्रबंधक आर. एन. माथुर ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि भारत संचार निगम भी समय की मांग के अनुरुप 3जी तकनीकी के विकास व गुणवत्ता बढाने के साथ-साथ 4जी तकनीकी लाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में कुछ निजी संचार कम्पनियों ने पहले से ही 4जी तकनीकी पर कार्य प्रारम्भ कर दिया है।
अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. बी.पी. नन्दवाना ने अध्यक्षता करते हुऐ बताया कि तकनीकी शिक्षा व गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम फेज द्वारा प्रायोजित इस सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्यि आधुनिक इलेक्ट्रोनिक्स व संचार अभियांत्रिकी की चुनौतियों को देखते हुऐ संचार तकनीकों के द्वारा मौसम व कृषि मे सूचनाओं के प्रसार व काम में ली जा रही मशीनों में बुद्धिमता का विकास करने और कृषि मे बुवाई से कटाई तक संसाधनों के समुचित उपयोग हेतु उपयुक्त संवेदकों के विकास पर केंद्रित रहेगा। सम्मेलन के अध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील जोशी ने बताया कि आज संचार माध्यमों पर गति बढाने एवं स्पेक्ट्रम की कुशलता का भारी दबाव है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान संचार तकनीकों, उद्योगों, घरों व कृषि मे संवेदकों और बुद्धिमता के विकास की कई समस्याओं पर गहन चर्चा की जाएगी।
आयोजन सचिव डॉ. पी. सी. बापना ने सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर आगंतुकों व अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर ड़ॉ. एरन, ड़ॉ. एस. आर. मालू, प्रो. अर्जुन रामजी, ड़ॉ. जे. एल. चौधरी सहित अनेक विभागाघ्यक्ष, प्राध्यापक व प्रतिभागी उपस्थित थे। पहले दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों में इलेक्ट्रोनिक व कृत्रिम बुद्धिमत्ता विषयों पर केन्द्रित विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान हुए व आधुनिक दूरसंचार माध्यमों, संवेदकों और बुद्धिमता के विकास के विषयों पर शेाध पत्र प्रस्तुत किए गए।