उदयपुर। मजदूर दिवस दुनियाभर के मेहनतकशों के संघर्षों एवं कुर्बानियों से हासिल अधिकारों की रक्षा का संकल्प लेने के साथ मेहनतकशों के जीवन के सामने खड़ी चुनौतियों का एकजुट होकर मानवीय जीवन पाने के संघर्ष को आगे बढा़ने का नाम है।
ये विचार माकपा जिला सचिव बी. एल. सिंघवी ने मई दिवस पर जिला कलक्ट्रेट पर आयोजित मजदूरों की आमसभा में व्यक्त किए। सिंघवी ने कहा कि मजदूर ही सुई से लेकर हवाई जहाज बनाता है और दुनिया का विकास एवं खुबसूरती भी मजदूरों की ही देन है, लेकिन मजदूर जलालत की जिन्दगी जीने को मजबूर है। ऐसे में जब तक उत्पादन के साधन पूंजीपति वर्ग से छीन कर श्रमजीवी जनता के हाथ में नहीं होंगे, तब तक मेहनतकश वर्ग को जलालत की जिन्दगी जीने को मजबूर रहना पड़ेगा।
सीटू के जिलाध्यक्ष पी. एल. श्रीमाली ने कहा कि दुनियाभर में मजदूरों के संघर्षों एवं कुर्बानियों के बाद श्रम कानून बनाए गए, लेकिन नियोजक तो क्या सरकारें भी श्रम कानूनों की पालना नहीं करती, जिससे आम मजदूर नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। श्रीमाली ने कहा कि श्रम कानूनों को लागू करने एवं श्रमिकों को मालिकों के शोषण से बचाने के लिए श्रम विभाग की स्थापना की गई, लेकिन श्रम विभाग पूंजीपतियों एवं मालिकों के दलाल के रूप में ही कार्य कर रहे हैं। माकपा पार्षद राजेश सिंघवी ने कहा कि समाज में आज जो श्रम नहीं करता, उसे सम्मान व काफी सम्पत्ति मिलती है और जो श्रम करता है उसकी स्थिति आज भी दयनीय है। उन्होंने कहा कि जिस गुजरात को मॉडल बना कर भाजपा और मोदी वोट मांग रहे हैं, वहां पर देश में राज्य कर्मचारियों के लिए एवं राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन सबसे कम है और श्रम कानूनों की 1 प्रतिशत पालना भी नहीं होने पर भी किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती है। क्या ऐसे मॉडल से मेहनतकश जनता के अच्छे दिन आने वाले हैं, कहा जाएगा क्या?
आमसभा को मोहनलाल खोखावत, ट्रेड यूनियन कौंसिल के संयोजक पी. एस. खींची, उपसंयोजक मोहनलाल सिंयाल, आदि ने भी संबोधित किया। सभा के पूर्व टाउनहॉल से मजदूरों की रैली प्रारम्भ हुई जो बापू बाजार, सूरजपोल, मण्डी, देहलीगेट होते हुए जिला कलक्ट्रेट पहुंची। रैली में मजदूर नारे लगा रहे थे ‘दुनियाभर के मेहनतकशो-एक हो’, ‘‘इंकलाब-जिन्दाबाद’’, ‘‘मजदूरों ने दी ललकार-नहीं सहेंगे अत्याचार’’, ‘‘मई दिवस के अमर शहीदों को-लाल सलाम’’, ‘‘क्या मांगे मजदूर किसान, रोटी कपड़ा और मकान’’। आमसभा के बाद अति. जिला कलक्टर यासिन खान पठान को ज्ञापन देकर उदयपुर जिले की खानों, कारखानों में श्रम कानूनों को लागू कराये जाने, श्रम कानूनों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करा सजा दिलाने, केसरियाजी क्षेत्र के खान श्रमिकों की मांगों पर सम्मानजनक समझौता कराने, पथ विक्रेता अधिनियम, 2014 को लागू कराने के लिए उचित कदम उठाने, सभी आवासहीन श्रमजीवियों के परिवारों के रहने के लिए व्यापक स्तर पर रहने योग्य मकान बना एलोट कराने, असंगठित श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा के कानून को व्यापक स्तर पर लागू कराने, महंगाई को देखते हुए न्यूनतम वेतन कानून के तहत कम से कम 10,000/-रूपये माहवार घोषित कराने, विभिन्न विभागों में स्थायी काम में लगे संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थायी कर ठेकेदारी प्रथा की समाप्त कराये जाने आदि मांग की गई।