शिल्पग्राम में राष्ट्रीय बहुरूपिया कार्यशाला प्रारम्भ
उदयपुर। यहां हवाला गांव के शिल्पग्राम में ‘‘राष्ट्रीय बहुरूपिया कार्यशाला’’ गुरूवार को प्रारम्भ हुई। उद्घाटन पर कैनवास पर देश के दस राज्यों के बहुरूपिया कलाकारों के हस्ताक्षर अंकित किए गए।
बहुरूपी कला को प्रोत्साहित करने तथा देश के अलग-अलग अंचलों के गांव, देहातों व शहर के गली कूचों में अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले बहुरूपिया कलाकारों को एक मंच लाने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में केन्द्र अतिरिक्त निदेशक फुरकान खान ने कैनवास पर हस्ताक्षर अंकन किया व आमंत्रित कलाकारों का केन्द्र की ओर से स्वागत किया।
इसके पश्चात् कलाकारों ने अपने-अपने राज्यों की परंपरा पर संक्षिप्त में प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र के उपरान्त आयोजित कार्यशाला में रंगकर्मी दीपक जोशी ने वाचिक अभिनय व संवाद सम्प्रेषण पर कलाकारों से चर्चा की। इसके बाद कार्यशाला के समन्वयक विलास जानवे ने आंगिक अभिनय तथा भाव भंगिमाओं पर बहुरूपी कलाकारों के अनुभव बांटे व उन्हे भाव सम्प्रेषण तकनीक से अवगत करवाया। कार्यशाला में भाग लेने के लिये राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक तथा पश्चिम बंगाल आदि से 52 बहुरूपी कलाकार उदयपुर पहुंचे हैं जिन्होंने दिनभर एक दूसरे से परिचय के साथ-साथ अपनी कला के बारे में बातचीत की व अपने अंचल में इस कला के स्तर के बारे में जानकारी दी।
उद्घाटन सत्र में दूरदराज के राज्य पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश व कर्नाटक के बहुरूपिया कलाकारों ने ऐसी कार्यशाला के आयोजन की भुरी भुरी प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन से कला में नये तत्व सीखने व एक दूसरे की शैली को देखने व समझने का अवसर मिल सकेगा तथा इससे इस कला के विकास को एक नई दिशा मिल सकेगी।