अंतिम दिन प्रदर्शन के साथ ली विदा
राष्ट्रीय बहुरूपिया कार्यशाला
उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित राष्ट्रीय बहुरूपिया कार्यशाला सोमवार को सम्पन्न हुई। अंतिम दिन देश के विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों ने दर्पण सभागार में कला का प्रदर्शन किया तथा एक-दूसरे से विदा ली।
बहुरूपी कला को प्रोत्साहन देने तथा देश के विभिन्न राज्यों में कला दिखाने वाले बहुरूपिया कलाकारों को एक मंच पर लाने तथा उनकी कला को बेहतर बनाने के लिये उन्हें विभिन्न कला माध्यमों का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला में दस राज्यों के 55 बहुरूपिया कलाकारों ने भाग लिया। कार्यशाला में जयपुर के राधेलाल बांका ने रूप सज्जा, डॉ. लईक हुसैन ने वेशभूषा, दीपक जोशी ने संवाद सम्प्रेषण विलास जानवे, डॉ. रमेश नागदा ने संगीत व नई दिल्ली के रूपेश सहाय ने कागज व कपड़े पर कलाकृतियाँ बनाने का प्रशिक्षण दिया।
समापन पर गुर्जरवाणी अहमदाबाद द्वारा निर्मित फिल्म ‘बहुरूपिया’ एवं संस्कृति चक्र, सुरी, वीरभूम पश्चिम बंगाल द्वारा निर्मित फिल्म दी पेडलर्स ऑफ फेन्टेसी’ का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद बहुरूपी कलाकारों पश्चिम बंगाल के नित्यानन्द, कर्नाटक के अश्व सुरेश, अश्व तिपेस्वामी, के रामू, आंध्रप्रदेश के वाई हुसैन, एम. श्रीनिवास, महालिंगा, वाई राजू, कर्नाटक के वाई शिवाजी, सीताराम, अश्वरमन्ना, एम. उमेश, अश्व बसवराज, वाई शंकरकुमार, के. नागराज, अश्विन नागराज, वाई शंकर अप्पा, दिल्ली के बबलू, अब्दुल हमीद, शाहिद, राजू, अजय, पंजाबी, झारखण्ड के रजीत कुमार महतो, धर्मदास, जयपुर के मेहमूद, राजू राजस्थानी, महाराष्ट्र के संजय चेचाणे, देवदास तांदुलकर, गणपत मांदंलकर, नामदेव, सोहन खुल्लका, रतन औंधकर, श्रीकांत औंधकर, बांदीकुई के फरीद, अकरम, नूर मोहम्मद, फिरोज़ सवाईमाधोपुर के संजीव, अहमदाबाद के अश्फाक, अमरावती के किशन, शमशाद, लखनऊ के रजब अली, जयसिंह आदि ने विभिन्न किरदारों का वेशधारण कर अपनी कला का प्रदर्शन किया।
केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने कलाकारों का अभिवादन किया व उनके प्रति आभार व्यक्त किया। दशोरा ने कलाकारों को प्रमाणपत्र भी वितरित किये। विदाई की वेला में पश्चिम बंगाल से आये बहुरूपिया कलाकार नित्यानन्द व अन्य बहुरूपिया कलाकार काफी भावुक हो गये उन्होंने रवीन्द्रनाथ टैगोर का संदेश भी दिया।