टिटहरी के अण्डों से लगाया अनुमान
उदयपुर। अगर परंपराओं को मानें तो इस वर्ष उदयपुर में बारिश कम होने के आसार हैं। आएगी तो भी रूक रूक कर आएगी। बादल छाये रहेंगे और तरसा तरसाकर इंद्रदेव बरसेंगे। मुम्बइया बाजार के सामने स्थित फतहसागर झील के पेटे में टिटहरी (रेड वैटल्ड लेपविंग) ने अण्डे दिए। अंडे आडे़ पड़े हैं इसका अर्थ यह कि बारिश रुक रुककर होगी।
इतिहासकार डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू के अनुसार टिटहरी उर्फ टिडभांड उर्फ टिंटोड़ी अगर नदी, तालाब भराव क्षेत्र में या पेटे में अंडे देती है तो उस वर्ष अल्प वृष्टि होती है। टिटहरी वेनेलस इंडिकस वृक्ष पर घोंसला बनाने की बजाय सतह पर ही अण्डे देती है। यदि यह जल से दूर किसी ऊंची जगह अण्डे दे तो इसे अतिवृष्टि एवं यदि नदी, तालाब के पेटे के समीप या भराव क्षेत्र में अण्डे दे तो इसे अल्पवृष्टि का द्योतक माना जाता है।