विभिन्न पुलियाओं का होगा दुरस्तीकरण, भुवाणा-बलीचा चौराहे पर होगा व्यवस्थित यातायात
उदयपुर। शहर के विभिन्न पर्यटन स्थानों पर सोमवार से लाइव पेंटिंग शुरू हो गई है। जिला कलेक्टर आशुतोष ए. टी. पेडणेकर ने पश्चिम सांस्कृतिक केन्द्र के माध्यम से अच्छे कलाकारों को बुलाकर बैठकर शहर के फतहसागर, सुखाडिय़ा सर्कल, दूध तलाई, पिछोला, सज्जनगढ़, सहेलियों की बाड़ी पर लाइव पेंटिंग करने के लिए कहा था।
इसी क्रम में 40 कलाकारों ने सोमवार से पेंटिंग शुरू कर दी है। इसके लिए केनवास और उचित रंगों की व्यवस्था यूआईटी की ओर से की गई है। सोमवार से बुधवार तक पेंटिंग करने के बाद इन पेंटिंग्स शनिवार और रविवार को फतहसागर की पाल पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जहां पर कला प्रेमी इन पेंटिंग्स को उचित दामों पर खरीद भी सकतें है।
शहर के आस-पास स्थित विभिन्न नदियों पर बनी पुलियाओं को सडक़ लेवल से मिलाने और दुरूस्ती करण करने की कयावद शुरू कर दी है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सभी पुलियां जो काफी नीचे की ओर है और संकरी है, उनकी सूची बनाने के लिए निर्देशित किया है। पूरी सूची बनने के बाद इन पुलियाओं के दुरूस्तीकरण करने का काम किया जाएगा।
शहर के आस-पास ऐसी कई पुलियां है जो सडक़ लेवल से काफी नीचे की ओर है जिससे इन पुलियाओं को पार करने वाले वाहनों को पहले रपट के की तरह नीचे जाना पड़ता है और पुन: आगे निकलने के आगे वाली रपट को चढऩा पड़ता है। जिससे कई बार वाहनों के असंतुलित होकर दुर्घटना होने की संभावना रहती है। कुछ समय पूर्व भी थूर की पुलिया में इसी तरह से एक दुर्घटना हो गई थी, जिसमें बस नदी में गिर गई थी। इधर इस मामले में जिला कलेक्टर आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने पुलियाओं के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इस तरह की पुलियाओं की एक सूची बनाई जाए।
जिला कलेक्टर आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने बताया कि शहर के आसपास इस तरह की पुलियाओं को पहले सडक़ के लेवल के बराबर निर्माण करवाया जाएगा। इसके साथ ही आवश्यकता पडऩे पर इन पुलियाओं को चौड़ा भी करवाया जाएगा। इसके लिए यदि भूमि अवाप्ति की आवश्यकता पड़ेगी तो भूमि को अवाप्त भी किया जाएगा और इनको चौड़ा करने के बाद दोनों ओर रेलिंग भी लगाई जाएगी। ताकि हादसों की संभावनाएं कम रहे। अधिकारियों की ओर से सूची पेश करने के बाद उचित बजट पर इन पुलियाओं का काम शीघ्र से शीघ्र शुरू करवाया जाएगा, ताकि शहरवासियों को राहत मिल सके।
दो अव्यवस्थित चौराहों को पुन: सुधारा जाएगा
जिला कलेक्टर आशुतोष ए. टी. पेडणेकर ने बताया कि शहर और आसपास में दो चौराहे ऐसे है जो पूरी तरह से अव्यवस्थित है और इन चौराहों को सुधारा जाएगा। इसके लिए भुवाणा और बलीचा चौराहों को चुना गया। यह चौराहें पूरी तरह से अव्यस्थित है। बड़े चौराहे होने के बाद भी यहां पर ट्रेफिक व्यवस्थित रूप नहीं निकल सकता है। जिला कलेक्टर ने बताया कि इन चौराहों को पुन: व्यवस्थित करने के हर संभव प्रयास किए जाएग। जिसमें अतिक्रमणों को हटाया जाएगा, चौराहों को चौड़ा करने के लिए यदि अवाप्ति की आवश्यकता होगी तो अवाप्ति भी की जाएगी, इसके साथ ही इन चौराहों पर लाईटनिंग की जाएगी। इन चौराहों पर साईनेज लगाएं जाएंगे, रोड़ क्वालिटी को भी सुधारा जाएगा और चौराहों के बीच में बनने वाले गोल चक्करों को भी आवश्यकतानुसार चौड़ा किया जाएगा।
पाण्डुलिपियों के संरक्षण की कयावद शुरू
विद्वान पूर्वजों द्वारा कई वर्षों पूर्व लिखी पाण्डुलिपियां जो बेदह ही महत्वपूर्ण है उनके संरक्षण की कयावद भी शुरू हो गई है। वर्तमान में हजारों की संख्या में ये पाण्डुलिपियां प्रतापनगर में एक सरकारी क्वाटर्र में लावारिस अवस्था में पड़ी हुई है और जर्जर हो चुकी है। जिला कलेक्टर आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने सोमवार शाम को प्रतापनगर में जाकर इन पाण्डुलिपियों को देखा और इनके संरक्षण की कयावद शुरू कर दी है। जिला कलेक्टर आशुतोष ए.टी. पेडणेकर द्वारा इन पाण्डुलिपियों का निरीक्षण करने के दौरान मौके पर कुछ कला प्रेमियों को बुलाया था। जिला कलेक्टर के अनुसार इन पाण्डुलिपियों की सुरक्ष्ज्ञा की जाएगी और इन पाण्डुलिपियों को शहरवासियों और आने वाले पर्यटकों को दिखाने के लिए डिस्पले करवाने की योजना है।
गुजरात व मध्यप्रदेश से बुलाए सिंचाई विभाग के अधिकारी
इधर जिला कलेक्टर आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने सोमवार को गुजरात और मध्यप्रदेश राज्य से सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बुलाया। इन दोनों राज्यों के अधिकारियों और उदयपुर के सिंचाई विभाग के अधिकारियों की एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें दोनों राज्यों के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने राज्यों में पानी के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का आदान प्रदान किया। इन योजनाओं में जो अच्छी योजना होगी वह उदयपुर जिले के तालाबों के लिए लागू किया जाएगा। दोनों राज्यों के अधिकारियों ने उदयपुर सिंचाई विभाग की ओर तालाबों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की तारीफ की है।