विद्यापीठ की एक वर्षीय विकास यात्रा पर संगोष्ठी
उदयपुर। स्तरीय शिक्षा बेहतर मानव संसाधन,उत्कष्टता एवं कार्यकर्ताओं की कुशलता से ही विद्यापीठ प्रगति तथा उन्नयन के मार्ग पर है। आज शिक्षा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा एवं बड़ी चुनौती है और वे ही शिक्षा संस्थान आगे बढ़ सकते है जो छात्र हित एवं स्तरीय फेकल्टी तथा टीम भावना से संयुक्त होकर कार्य करते हैं।
राजस्थान विद्यापीठ के चांसलर प्रो. भवानीशंकर गर्ग ने विद्यापीठ की एक वर्षीय विकास यात्रा संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता वाइस चांसलर प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि हमें अपने कार्यों का मूल्यांकन करना चाहिए। विश्वंविद्यालय ने अपने शैक्षिक उत्थान, छात्रहित तथा कार्यकर्ता हित सामाजिक तथा शैक्षणिक चेतना एवं विकास की कई योजना है। गत एक वर्ष में चार अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस, सात राष्ट्रीय संगोष्ठी, जनहित का आयोजन विभिन्न प्रकल्पों में किया गया। रिसर्च तथा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्यशाला तथा सेमीनार पर सहयेाग राषि बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 03 लाख, राष्ट्रीय स्तर पर दो लाख तथा राज्य स्तर पर एक लाख रुपए का सहयोग किया गया। वर्ष भर में अकेडमिक कौन्सिल की दो, रिसर्च बोर्ड की दो तथा बॉम की दो बैठकें संविधान के अनुसार की गई। विश्वतविद्यालय परिसर में स्पोर्ट्स बोर्ड कार्यालय की स्थापना, हॉल ऑफ एक्सीलेंस, मिनी स्टेडियम का कार्य प्रगति पर, जिम्नेोजियम, केन्द्रीय पुस्तकालय की स्थापना की गई, ज्योतिष एवं वास्तु विज्ञान, कन्या महाविद्यालय की शुरूआत, थ्रियेटर एवं पर्सनलिटी डवलपमेंट, अर्न्तविष्वविद्यालय क्रोस कन्ट्री प्रतियोगिता का आयोजन, प्रौढ़ शिक्षा का आयोजन पत्रकारिता विषय पर नये कोर्स, जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेषालय के अन्तर्गत नये केन्द्र खोलना, दीक्षांत समारोह का आयोजन, विदेशी छात्रों का दीक्षांत समारोह आयोजन, डबोक में स्टेडियम का कार्य प्रगति पर आदि ऐसे कई महत्वपूर्ण कार्य किये जिससे विद्यापीठ प्रगति की ओर अग्रसर हैं। संगोष्ठी में कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर, सचिव डॉ. एल. एन. नंदवाना, निदेशक प्रो. एन. एस. राव, डॉ. ललित पाण्डे्य, डॉ. मनीष श्रीमाली ने भी विचार व्यक्त किये।