दो दिवसीय लायन्स डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग असेम्बली ‘गुरूकुल’ सम्पन्न
उदयपुर। सफलता आसान राह पर चलने से नहीं मिलती है। जीवन में हमेशा वह राह चुनें जिन पर कोई नहीं चलता हो, तभी आप दूसरों को भी सफलता प्राप्ति के लिए उस कठिन राह पर चलने के लिए प्रेरित कर पायेंगे।
पीडि़त मानव की सेवा के लिए जीवन में अनेक बार अवसर मिलते है लेकिन अध्यक्षीय पद पर रहते हुए सेवा करने के अपने स्वप्रों को पूरा कर सकते है क्योंकि यह पद दूसरों से हटकर कार्य करने की प्रेरणा देता है। उक्त बात आज लायन्स इन्टरनेशनल के निदेशक सुनील कुमार ने लायन्स डिस्ट्रिक्ट 323 ई-2 द्वारा सत्र 2014-15 के अध्यक्ष, सचिव,कोषाध्यक्ष,रिजन चेयरमेन, जोन चेयरमेन एवं माइक्रो केबिनेट के लिए स्कूलिंग के रूप में होटल वेली व्यू में सम्पन्न हुई दो दिवसीय लायन्स डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग असेम्बली ‘गुरूकुल’ में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हए कहीं। उन्होनें कहा कि जीवन में अनुभव हमेशा नया सीखने की प्रेरणा देता है। वर्ष दर वर्ष अनुभव हासिल करने वाला व्यक्ति जीवन में न केवल सफल नेतृत्व दे सकता है वरन् वह दूसरों को भी सफलता के लिए प्रेरित करता है। अध्यक्षीय कार्यकाल में ऐसे स्थायी कार्य करें जिन्हें न केवल सदस्य वरन् जनता भी वर्षो तक याद रखें।
उन्होंने कहा कि यदि अपने सद्कार्यो की जीवन में कहीं छाप छोडऩी है तो लायनवाद एक सही मंच है। उद्देश्य हासिल करने के लिए जीवन जीएं और जीने के लिए उद्देश्य हासिल करें। सीखने से ज्ञान मिलता है और बुद्धि जीवन से मिलती है।
जवाबदेही पहुंचाती है मनुष्य को ऊचाईयों पर-पूर्व प्रान्तपाल वी.के.लाडिया ने कहा कि जीवन मंह आपको हर समय जवाब देने के लिए तैयार रहना चाहिये। अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार रहना चाहिये क्योंकि जवाबदेही ही मनुष्य को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाती है। जवाबदेही के लिए नई सोच को विकसित करना पड़ेगा तभी क्लब सफलता के पायदान पर चढ़ेगा।
लक्ष्य वह निर्धारित करें जो पूरा हो सकें-पूर्व प्रान्तपाल जेठमल गहलोत ने कहा कि जीवन में वहीं लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये जो पूरा किया जा सकें। क्लब सदस्य किसी भी क्लब के सहयोगी होते है कर्मचारी नहीं। उन्हें क्लब में बनाये रखने के प्रयास करने चाहिये। समय-समय पर सदस्यता वृद्धि कर लायनवाद के हाथ मजबूत करने चाहिये। क्लब के अच्छे कार्यकर्ताओं को अभिप्रेरित करना चाहिये ताकि अन्य सदस्य भी उनसे प्रेरित हो कर कार्य करने के लिए आगे आ सकेंं।
पहिचान बनाने व बिगाडऩे के लिए व्यक्ति स्वंय जिम्मेदार-पूर्व बहुप्रान्तीय अध्यक्ष द्वारका जालान ने कहा कि समाज में अपनी पहिचान बनाने या बिगाडऩे के लिए व्यक्ति स्ंवय जिम्मेदार होता है। ईमेज वहीं कहलाती है जिसमें कार्य करने पर उसका प्रतिरूप सामनें आये। जिस दिन आप प्रमाणिक हो जायेंगें उसी दिन से आपकी ईमेज बननी प्रारम्भ हो जायेगी। आपसे लाभार्थी हुए व्यक्ति भी आपकी ईमेज को सुधारते है। सचिवों एवं कोषाध्यक्षों को पूर्व प्रान्तपाल श्याम एस.सिंघवी, पूर्व प्रान्तपाल आर.एल.कुणावत, पूर्व प्रान्तपाल डॅा.आलोक व्यास ने भी ट्रेनिंग दे कर उनका मार्गदर्शन किया।
वर्ष 2014-15 के प्रान्तपाल अनिल नाहर ने दो दिवसीय डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग असेम्बली में दूर-दराज क्षेत्रों एवं राज्यों से आये अध्यक्ष, सचिव,कोषाध्यक्ष,माइक्रो केबिनेट के साढ़े पंाच सौ सदस्यों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि नये सत्र में हर जोन व रिजन में स्थायी प्रकल्प लेकर पीडि़तों एवं जरूरतमंदो की सेवा की जाएगी। समारोह को उप प्रांतपाल प्रथम बी. वी. माहेश्वरी, उप प्रांतपाल द्वितीय अरविन्द चतुर ने भी संबोधित किया। समारोह में सेवा सहयोगियों को सुनील कुमार व वी. के. लाडिया ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।