8.6 करोड़ रु. की लागत से बनेंगे शौचालय
80 गांव खुले में शौचालय से होंगे मुक्त
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक ‘निर्मल भारत अभियान’ के अन्तर्गत बीपीएल परिवारों के लिए 30,000 ग्रामीण शौचालयों का निर्माण कर रहा है। कंपनी ने राजस्थान सरकार के साथ एक समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है। इन शौचालयों का निर्माण तीन साल में पूरा किया जाएगा। इस प्रयास से राजस्थान के 80 गांव ‘खुले में शौचालय से मुक्त’ हो जाएंगे।
हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान के भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़ एवं उदयपुर जिलों में इन शौचालयों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है और अब तक 8000 शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। हर शैाचालय के नीचे 2 ‘लीच पिट’ का निर्माण किया जा रहा है। केवल एक ‘लीच पिट’ का एक समय में उपयोग किया जाएगा। प्रत्येक ‘लीच पिट’ का लगभग 5 साल में मल से पूरा भरने का अनुमान है। पहले ‘लीच पिट’ के भर जाने के पश्चात् दूसरा ‘लीच पिट’ उपयोग के लिए खोला जाएगा। 5 साल के भीतर पहले ‘लीच पिट’ का मल खाद में परिवर्तित हो जाएगा जिससे किसान अपनी कृषि के उपयोग में ला सकेगा।
नवनिर्मित शौचालयों के निर्माण से जल स्रोतों में प्रदूषण में कमी एवं भारत में स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं में भी कमी आएगी। ‘निर्मल भारत अभियान’ के अन्तर्गत प्रत्येक शौचालय के निर्माण की लागत 8500/- रु. है जिसमें 4600/-रु. सरकार द्वारा, 3000/-रु. हिन्दुस्तान जिंक की और से तथा 900/-रु. लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए शौचालय का अभाव चिन्ता का विषय रहता है, विषेष रूप से रात के समय। प्रत्येक घर में शौचालय होने से घर के प्रत्येक सदस्य, विषेष रूप से महिला सदस्य सहज व सुरक्षित अनुभव करते है।
परियोजना का उददेष्य है कि स्वच्छता प्रथाओं में सुधार हो और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति आम जनता जागरूक हो ।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेषन पवन कौषिक ने बताया कि ‘‘हिन्दुस्तान जिंक का उदद्ेष्य शौचालय निर्माण की इस महत्ती परियोजना के माध्यम से बीपीएल परिवारों को साफ और स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराना है, जिससे गांवों में ‘खुले में शौचालय से मुक्ति हो’। हिन्दुस्तान जिंक इन 30,000 शौचालयों के निर्माण के लिए 8.6 करोड़ रु. खर्च करेगा।’’
केवल राजस्थान में तकरीबन 60 प्रतिषत जनसंख्या खुले में शौच जाती है।