हाथी घोड़ा पालकी… के उदघोष से गूंजेगा शहर
महाआरती की तैयारियां पूरी
उदयपुर। प्रभुश्री जन-जन की आस्था का केन्द्र भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अब भगवान जगन्नातथ स्वाममी के नगर भ्रमण पर निकलने के समय का इंतजार है। इससे पूर्व गत रात्रि रजत रथ नीचे उतार लिया गया। उधर आरएमवी रोड से कालाजी गोराजी के बीच 21 हजार दीयों से भगवान जगन्नााथ की महाआरती की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं।
नगर भ्रमण हेतु जगन्नाथ स्वामी को रजत रथ में बिठाने से पूर्व दिन में दो बजे मंदिर के अन्दर पारम्परिक छोटे रूप में ठाकुर जी को मंदिर परिक्रमा में स्थित चारों देवरियों पर पारम्परिक गीतों के गायन के साथ पं. हाथीराम व पुजारी हुकमराज के सानिध्य में चारों देवरियों पर भगवान को घुमाया जाएगा। ठीक 3 बजे जगदीश चौक पर तैयार रजत रथ में ठाकुर जी की काष्ट निर्मित सांकेतिक प्रतिमाओं को पुजारियों द्वारा लाकर रजत रथ में बिठाया जाएगा और हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल के उदघोष व आरती के साथ ही यात्रा का शुभारम्भ हो जाएगा।
जगन्नाथ रथयात्रा समिति के संयोजक दिनेश मकवाना ने बताया कि रथयात्रा को लेकर आमजनों में भारी उत्साह है। इस बार यात्रा के स्वरूप में हाथी, घोड़े, बैण्ड, भजन मण्डल, विभिन्न समाजों व संगठनों की 35 झांकियों को शामिल किया गया है। यात्रा में शामिल होने वाली झांकियों को ठीक 2 बजे रंगनिवास पहुंचने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। झांकियों का घण्टाघर से जगदीश चौक तक लाने के लिए पूर्ण मनाही रहेगी। रथयात्रा में शामिल झांकिया रंग निवास से जगदीश चौक पहुंचेगी। यात्रा की शुरूआत पर जगदीश चौक पर भव्य पुष्पवर्षा की जाएगी। साथ ही शुरूआत पर 20 बंदूकों से सलामी दी जाएगी। इस वर्ष स्थानीय बैण्ड श्री जगदीश बैण्ड, मयुर बैण्ड, नेहरू जनता बैण्ड भी विशेष तैयारी के साथ रथयात्रा में सम्मिलित होंगे।
रथयात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ने की संभावना है। इसको देखते हुए सभी महिलाओं पुरूषों को अपने साथ महत्वपूर्ण जैवर, पर्स, मोबाईल साथ लेकर नहीं आने व रथयात्रा में शामिल होने पर अपने अपने घरों पर सुरक्षा के पूरे बन्दोबस्त करके यात्रा में आने की सभी से अपील की गयी है। महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को असुविधा से बचने के लिए सुरक्षित स्थान से यात्रा को देखने का आग्रह किया जा रहा है। यात्रा में आने वाले सभी भक्तों से संदिग्ध व्यक्ति व वस्तुओं की सूचना पुलिस या समिति के पदाधिकारियों को देने का कहा गया है। रथयात्रा के स्वागत में लगाए जाने वाले स्टालों पर गंदगी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। जगन्नाथ रथयात्रा समिति के पदाधिकारी व प्रशासन द्वारा आज रात्रि को यात्रा मार्ग का अवलोकन किया गया। भगवान जगन्नाथ स्वामी के महाप्रसाद के लिए 30 जून सोमवार आसीन्द की हवेली जगदीश चौक पर आज से ही प्रसाद व भोजन बनाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। प्रभु प्रसाद में 15 से 20 हजार लोगों के आने की संभावना है।
महाआरती की तैयारियाँ पूरी
रथयात्रा में आरएमवी से कालाजी गोराजी तक होने वाली महाआरती की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि रविवार शाम 7.30 बजे से 8.30 बजे के बीच महाआरती के लिए 30 हजार दीपक की व्यवस्था की गई है।
डॉ. कुमावत ने बताया कि आयोजन को सफल बनाने के लिये इस बार गंगा आरती की तरह भगवान जगन्नाथ की आरती के लिए अलग-अलग चबूतरियों का निर्माण किया जा रहा है जिस पर खड़े होकर बटूकों के समूह विधि-विधान से सम्पन्न करेंगे। साथ ही आटे के दीपक के लिये विभिन्न जाति-समाज के लोग भी इसमें आगे आकर सहयोग कर रहे है। इस प्रकार पांच हजार से अधिक आटे व घी के दीपक भी महाआरती में सम्मिलित होंगे जो आगे की व्यूह रचना में आगे की ओर रहेंगे। दूर वाले भक्त समूह मोम के दीयों से सांकेतिक आरती कर सकेंगे।
विशेष नियंत्रण मंच के अलावा कलाकारों द्वारा तैयार मल्टीट्रेक रिकॉर्डिंग ऊँ जय जगदीश हरे….. के दौरान आरती चलाई जाएगी तथा बीस सैकण्ड रोकने के बाद दूसरी बार पुनः शुरू की जायेगी। इस प्रकार पूरे 11 मिनिट तक यह आरती चलेगी जो एक अनुपम नजारा प्रस्तुत करेगी। उन्हों ने अपील की कि आरएमवी रोड़ से कालाजी गोराजी तक किसी प्रकार के गेट या कपड़े के बैनर आदि नहीं लगाएं ताकि जनता को आरती में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। साथ ही यह सुरक्षा की दृष्टि से भी आवश्यअक है। इसमें नगर निगम के साथ मिलकर फायर ब्रिगेड का भी सहयोग लिया जा रहा है तथा आरती के दीपकों को बुझाने के लिए पानी के 30 ड्रम लगाये गये है। 32 समूह में व्यूह रचना कर 10 मिनट के इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिये सभी कार्यकर्ताओं में जबरस्त उत्साह देखा गया।