टैक्स में राहत लेकिन महंगाई बेअसर, उद्योगों के लिए निराशा
उदयपुर। मोदी सरकार का पहला बजट विदेशी निवेश, निजीकरण पर केन्द्रित रहा। जहां रक्षा और बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी देने का प्रस्ताव है वहीं बजट में वादों के रूप में प्रस्ताव लाए गए। आम आदमी को टैक्स में राहत जरूर मिली लेकिन महंगाई का असर फिलहाल कम होने के कोई आसार नहीं दिखते।
पूर्व सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि यह वायदों का बजट है। यूपीए सरकार की आर्थिक सुधार, कार्य एवं योजनाएं चलाई जा रही थीं, उसी की नकल कर दूसरे तरीके से बजट में प्रस्तुत किया गया है। बजट में 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान किया गया है। अभी प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में भी 24 घंटे बिजली उपलब्ध नहीं है। यूं तो बीजेपी शुरू से रक्षा एवं बीमा क्षेत्र में एफडीआई का विरोध करती आई परन्तु इस बजट में 49 प्रतिशत एफडीआई का प्रावधान किया गया जो कि कथनी-करनी में अंतर को दर्शाता है। सरकारी बैंकों के शेयर बेचने का प्रावधान किया गया है। सभी सरकारी बैंके मुनाफे में चल रही है।
शहर जिला कांग्रेस सदस्य प्रवीण पुरोहित ने कहा कि बदलाव के नाम पर लोगों को भ्रमित करने, एफडीआई व महंगाई के विरोध में बडे़ बडे़ आंदोलन करने के बाद अब सत्ताासीन होने पर स्वलयं ने एफडीआई को आमंत्रण दिया जो जनता से विश्वावसघात है।
देहात जिला कांग्रेस अध्य क्ष लालसिंह झाला, प्रवक्ता हेमन्त श्रीमाली ने बजट को दिशाहीन और निराशाजनक बताते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली मोदी सरकार द्वारा बजट में रक्षा क्षेत्र में 49 प्रतिशत तथा बीमा क्षेत्र में 26 प्रतिशत बढ़ाकर 49 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी देकर महत्वपूर्ण क्षेत्र में विदेशी निवेश को खुली छूट दी गई।
भारतीय जनता पार्टी शहर जिला प्रवक्ता चंचल कुमार अग्रवाल ने बजट को लोककल्याणकारी बजट बताते हुए जनभागीदारी एवं जनशक्ति बढ़ाने वाला बजट बताया। इस बजट में पूरे देश के परिवेश को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ग के लिए प्रावधान किये हैं। यह बजट भारतीय जनता पार्टी नीत राजग सरकार के नये भारत के निर्माण का रोड़मेप साबित होगा।
हर्षाया व्यापार प्रकोष्ठ : भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य तनवीरसिंह कृष्णावत ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि गत दिनों प्रकोष्ठ की दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक हुई थी जिसमें कुछ अनुशंसाएं प्रधानमंत्री को भेजी गई थीं। हर्ष की बात यह कि पांच में से तीन अनुशंसाएं सरकार ने स्वीकार कर ली। पहली अनुशंसा वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर में छूट बढ़ाने का आग्रह किया गया था। दूसरी आयकर छूट सम्बन्धी थी जिसे तीन लाख तक करने का आग्रह किया गया था जिसे दो से बढ़ाकर ढाई लाख कर दिया गया है। तीसरी अनुशंसा छोटे, मझोले व्यापारियों का बीमा करवाने तथा सुरक्षा देने संबंधी था जो बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई देने से निश्चय ही साकार होगा। कृष्णावत ने बताया कि बजट निस्संदेह विकास के पथ पर अग्रसर करेगा।
बजट संतुलित : चार्टर्ड अकान्टेन्ट डॉ. निर्मल कुणावत ने कहा कि वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा प्रस्तुत मोदी सरकार का पहला बजट काफी संतुलित बजट है। विकासोन्मुखी बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने विशेष रूप से शिक्षा, ग्रामीण विकास, कृषि, स्वास्थ्य, बिजली, मकान, टेक्सटाइल, टूरिज्म एवं रक्षा के क्षेत्र का ध्यान रखा है। शहरीकरण के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में पीने का पानी, ग्रामीण सडक़ योजना आदि स्वागत योग्य है।
उद्योगों के लिए ठीक नहीं : उदयपुर सीए शाखा के पूर्व उपाध्यक्ष देवेन्द्र सोमानी ने बजट को रक्षा/बीमा/इन्फ्रा/अक्षय ऊर्जा/ रियल ऐस्टेट/ प्रिंट मिडिया के लिए फायदेमंद एवं केपिटल मार्केट एवं ज्वेलरी क्षेत्र के लिए नकारात्मक रहा है।