जगत मेहता की स्मृति में श्रमदान
उदयपुर। दिवंगत जगत मेहता की 92 वीं जन्मतिथि के उपलक्ष्य में गणगौर घाट पर श्रमदान तथा आयोजित संवाद में झीलों में पेट्रोल-डीजल चलित नावों, स्कूटरों से होने वाली हानियां बताते हुए इन पर रोक का आग्रह किया गया।
झील सरंक्षण समिति के अनिल मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने पिछले कार्यकाल में मोटर संचालित बोट पर रोक के निर्देश दिए थे। चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने कहा कि झीलों में पेट्रोल डीजल संचालित हाईस्पीड नावों, स्कूटरों से प्रवासी पक्षियों को गम्भीर खतरा है। फतहसागर में देसी प्रवासी पक्षी एकदम कम हो गये हैं। प्रस्तावित पिछोला जंगल सफारी में मोटर संचालित वोट का विरोध किया जायेगा। चप्पू संचालित नावें भी पक्षियों के आश्रय व प्रजनन स्थलों पर नहीं जानी चाहिये।
डॉ. मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव नन्दकिशोर शर्मा ने कहा कि झीलों में रेस्क्यू बोट के अतिरिक्त कोई मोटर बोट नहीं होनी चाहिये। केवल चप्पू वाली नावों अथवा सौर उर्जा चलित नावों का ही संचालन होना चाहिए। शर्मा ने कहा कि फतहसागर की पाल व ओवरफ्लो पर उखड़ा प्लास्टर तुरन्त ठीक करवाया जाना चाहिये एवं फतहसागर ओवरफ्लो नाले, मदार नहर आदि की तुरंत सफाई की जानी चाहिये।
इससे पूर्व गणगौर घाट पर श्रमदान कर मेहता का स्मारण किया गया। डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट, चांदपोल नागरिक समिति, झील संरक्षण समिति के साझे में श्रमदान में गणगौर घाट झील क्षेत्र से शराब की बोतलें, प्लास्टिक का सामान, बाल्टियां, टेंट की सामग्री, लोहे के बोर्ड, घरेलू अनुपयोगी सामान, जलीय घास एवं कूड़ा निकाला गया। श्रमदान में नरेश भोई, अम्बालाल नकवाल, रमेश चन्द्र राजपुत, रामलाल गहलोत, सदिक खान, कैलाश कुमावत, महेन्द्र सोनी, गंगाशंकर जेठी, भवंर सिंह राजावत, कैलाश कुमावत, मोहन सिंह, प्रताप सिंह राठौड़ा, कुल दीपक, रमेशचन्द्र राजपूत, नितिन सोनी, तेजशंकर पालीवाल, नन्दकिशोर शर्मा एवं अनिल मेहता ने भाग लिया।