संरक्षक के रूप में कार्य करते रहेंगे
प्रफुल्ल नागर कार्यवाहक चांसलर
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. भवानीशंकर गर्ग ने अपने चार कार्यकाल का कीर्तिमान बनाने के बाद गुरुवार को विद्यापीठ को अलविदा कहते हुए प्रफुल्ल नागर को कार्यवाहक चांसलर एवं राजस्थान विद्यापीठ के पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. विजय सिंह को राजस्थान विद्यापीठ कुल का मुख्य अधिष्ठाता मनोनीत कर दिया।
प्रो. भवानीशंकर गर्ग ने कहा कि हाई पॉवर कमेटी तथा ऋत्विका के निर्णयानुसार वे संस्था के संरक्षक (विद्याधर) बन गये हैं। यूजीसी के रेग्यूलेशन 2010 व संशोधित 2014 के अन्तर्गत नवीन चांसलर के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। प्रो. गर्ग ने यह भी कहा कि वे 66 वर्षो से विद्यापीठ से जुड़े रहे हैं।
नये कुलाधिपति के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि यूजीसी अधिनियम 2010 लागू होने से कोई भी व्यक्ति चांसलर पद पर दो कार्यकाल से अधिक नहीं रह सकता। यह संवैधानिक बाध्यता है। फिर भी कार्यकर्ताओं ने असीम प्यार जताते हुए उन्हें चार कार्यकाल प्रदान किए, उसके लिए आभार। नये कुलाधिपति के लिए चयन कमेटी बना दी गई है, वही विद्यापीठ का भविष्य तय करेगी।
उन्होंने कहा कि जनुभाई के सपनों को पूरा करने का मैंने भरसक प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि संस्थापक मनीषी पं. जनार्दनराय ने पूरी संस्था की बागडोर मेरे हाथों में दी थी उसे मेरे अथक प्रयासेां से अपने मुकान पर पहुंचाया था और इसी संस्था को मैं पुनः अपने हाथों से संस्थापक के परिवार को सुपुर्द कर रहा हूं। प्रो. गर्ग ने भावुक होते हुए कहा कि मैंने अपना पूरा जीवन संस्था को समर्पित किया।