मामला दर्ज, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से परेशान
उदयपुर। राष्ट्रपति से सम्मानित युवा वैज्ञानिक अपने साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में पुलिस और प्रशासन से न्याय नहीं मिलने के बाद आखिरकार शनिवार को कलेक्ट्री के सामने धरने पर बैठ गया। न्याय नहीं मिलने तक उसने धरना देने की चेतावनी दी है।
जानकारी के अनुसार उदयपुर निवासी युवा वैज्ञानिक आशीष खत्री को 2006 में राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित किया था। 2010 में भारत सरकार के एनआरडीसी ने सम्मानित किया। 10 वर्षों के प्रयासों के बाद केले के तने के वेस्ट से उपयोगी खाद बनाने का फार्मूला ईजाद किया था जो भारत सरकार ने इनके नाम पर पेटेंट कर दिया जिसे 135 देशों में मान्यता प्राप्त है।
खत्री ने बताया कि उन्होंने शहर के व्यापारी कनकमल नागदा और उनके पुत्र महावीर नागदा के साथ साझेदारी में पेटेंट खाद का व्यवसाय शुरू किया। पार्टनर पिता-पुत्र ने दो माह में व्यवसाय में घाटा बताकर धोखाधड़ी से उनकी माता से मकान के कागजात, पेटेंट दस्तावेज गिरवी रख लिए तथा छह लाख रुपए भी सिक्योरिटी के नाम पर ले लिए। गोवर्धन विलास थाने में मेरे खिलाफ मामला दर्ज करवाया। जांच के बाद मामला गलत पाया गया। गोवर्धन विलास थानाधिकारी ने भी दोनों पक्षों को बैठाकर नागदा पिता-पुत्र को हिस्सेदारी के हिसाब से हानि की रकम का 35 प्रतिशत लेकर बाकी पैसा, मकान व पेटेंट के कागज़ देने को कहा लेकिन उन्होंने न कागज़ और न ही पैसे लौटाए। खत्री ने बताया कि 15 दिन से थाने और एसपी ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अंततोगत्वा वे कलेक्ट्री के सामने धरना देने पर मजबूर हो गए हैं।