उदयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में अधिकारी इस दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम करें कि ज्यादा से ज्यादा समस्याओं का मौके पर ही समाधान हो जाए। जनता को अपनी समस्या व पीड़ा के लिए राजधानी के चक्कर नहीं लगाने पडे़।
वे शनिवार को सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के लिए राजस्थान कृषि महाविद्यालय के सभागार में ब्रीफिंग बैठक में बोल रही थी। बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं शासन सचिव उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई के दौरान कितने लोग अपनी समस्याओं को लेकर आवेदन देते हैं, इससे प्रशासन की संवेदनशीलता सामने आएगी। कोई भी व्यक्ति बिना वजह आवेदन नहीं देता है।
राजे ने कहा कि उदयपुर संभाग बड़ा होने के कारण यहां सरकार आपके द्वार कार्यक्रम एक ही चरण में पूरा करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही क्षेत्र में भ्रमण करने वाली टीमों की संख्या बढ़ाकर 24 कर दी गई है। मंत्रियों की 10 टीमों के अतिरिक्त वरिष्ठ अधिकारियों की अगुवाई में 14 टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों के साथ स्थानीय विधायक एवं जनप्रतिनिधि भी रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के सदस्यों एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव व प्रमुख शासन सचिवों को निर्देश दिए कि वो ग्राम पंचायत स्तर पर अपने भ्रमण के दौरान भामाशाह योजना, श्रीयोजना एवं खुले में शौच से मुक्ति अभियान के बारे में ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ने ब्रीफिंग बैठक में कहा कि इस संभाग की 1500 ग्राम पंचायतों में से अधिकांश ग्राम पंचायतों में यह टीमें जाकर जन-अभाव अभियोग सुनेंगी एवं उनका मौके पर ही निराकरण का प्रयास करेंगी। प्रत्येक टीम प्रतिदिन अपने दौरे की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भिजवायेगी। 24 अगस्त को सभी मंत्री संभाग स्तरीय अधिकारियों की बैठक में अपने-अपने विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे तथा 25 अगस्त को मंत्रिमंडल की बैठक होगी।
मुख्य सचिव राजीव महर्षि ने राज्य में तीसरे संभाग स्तर पर होने वाले सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के लिए की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि पंचायत समिति स्तर पर आयोजित होने वाली जनसुनवाई में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो मुख्यमंत्री की समीक्षा के लिए प्रतिदिन अपने भ्रमण की सूचना समय पर भिजवाएं। बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्य गुलाबचंद कटारिया, राजेन्द्र राठौड़, कालीचरण सराफ, नंदलाल मीणा, गजेन्द्र सिंह, प्रभुलाल सैनी, युनूस खान, अरूण चतुर्वेदी, अजय सिंह किलक एवं हेमसिंह भड़ाना उपस्थित थे।