– उड़ी नियम-कायदों की धज्जियां
– पार्टी पॉलिटिक्स से अछूते नहीं छात्रसंघ चुनाव भी
उदयपुर। संभाग में 30 अगस्त को होने वाले छात्रसंघ चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन प्रक्रिया पूर्ण की गई। छात्रों के नाम पर होने वाले इस चुनाव के नामांकन में हर नियम-कायदे की धज्जियां उड़ती नजर आईं। छात्रों के साथ राजनीतिक पार्टियों के नेता भी पहुंचे और नामांकन दाखिल करवाया। धनबल के साथ बाहुबल का भी खूब उपयोग किया गया।
नामांकन से पूर्व निकाली गई रैलियों में छात्र नेताओं के पीछे संगठनों ने पूरी ताकत झोंक दी। छात्र संघर्ष समिति, एनएसयूआई एवं एबीवीपी के विभिन्न पदों के प्रत्याशियों ने आज भारी-भरकम रैली के रूप में नामांकन भरने पहुंचे। इस दौरान पुलिस का पूरा जाब्ता तैनात रहा।
छात्र संघर्ष समिति से कुणाल कुमावत ने अध्यक्ष, एबीवीपी से देवेन्द्रसिंह चुण्डावत अध्यक्ष, भावेश पुरोहित महासचिव, इति मीणा संयुक्त सचिव और गजेन्द्र रावल ने उपाध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया। एनएसयूआई से हिमांशु चौधरी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष हरिओम मीणा, महासचिव सिद्धार्थ सोनी और संयुक्त सचिव के लिए भावना ने नामांकन दाखिल किया। इस दौरान कॉलेज रोड पर दिन भर रास्ता जाम रहा।
एबीवीपी की रैली यूनिवर्सिटी से शुरू हुई जिसमें चार पहिया और दुपहिया वाहन पर सवार सैकड़ों छात्र नारे लगाते हुए छात्रसंघ चुनाव कार्यालय पहुंचे और नामांकन दाखिल किया। रैली में भारी संख्या में कॉलेज से बाहर के भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इनका नेतृत्व मोर्चा के जिलाध्यक्ष जिनेन्द्र शास्त्री, प्रमोद सामर कर रहे थे। रैली के दौरान हर हाथ में झंडे और बैनर थे। यही हाल एनएसयूआई की रैली का भी था।
एनएसयूआई के प्रत्याशी यूनिवर्सिटी रोड स्थित चुनाव कार्यालय से रैली के रूप में आए और शक्ति प्रदर्शन किया। रैली में पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, भाजपा जिलाध्क्ष नीलिमा सुखाडिय़ा, प्रतिपक्ष नेता दिनेश श्रीमाली, अभिमन्युसिंह झाला सहित कई पदाधिकारियों ने भाग लिया। सीएसएस की रैली सबसे आखिरी में पहुंची। प्रवक्ता निखिल रांका ने जानकारी दी कि नामांकन भरते हुए कुणाल कुमावत के साथ सी.एस.एस. के मुख्य संयोजक सूर्यप्रकाश सुहालका, अध्यक्ष दिलीप जोशी, रवि शर्मा, अमित पालीवाल, दीपक शर्मा, वीरेन्द्र सिंह सिसोदिया, अजयपाल सिंह चुण्डावत, दीपक मेघवाल, गौरव शर्मा आदि छात्र सेवक मौजूद थे।
नियम कायदे ताक पर : नामांकन के दौरान आज सभी नियम कायदे धरे रहे। छात्र संगठनों ने धन बल का उपयोग किया। नामांकन रैली में छात्रों ही नहीं, बाहरी युवाओं ने भी भाग लिया।