उदयपुर। परिधान की तरह विश्वास नहीं बदले जाते है। विश्वास जीवन का आधार स्तम्भ होता है। जीवन की सम्पूर्ण प्रक्रिया विश्वासों को सामने रखकर निर्धारित होती है। यदि जीवन में विश्वास ही खण्डि़त हो जाए तो कुछ नहीं बचेगा।
श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि कुमुद ने आज पंचायती नोहरे में आयोजित विशाल धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए उक्त बात कहीं। उन्होंने कहा कि विश्वास विकृत और निकृष्ट भी हो सकते है। अत: विश्वास करने से पूर्व उसे कसौटी के तराजू में तोलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वास नितान्त शुद्ध, पवित्र और यथार्थ पर आधारित हो। पवित्र विश्वास व्यक्ति की चेतना को ऊध्र्वमुखी बनाकर उसके व्यक्तित्व को महान बनाते है। विश्वासों का निर्णय सावधानी से हो और निर्णीत विश्वास पूर्णत: जीवन में फलित हो, ऐसे निरन्तर प्रयास होने चाहिए। कार्यक्रम का शुभारंभ विकसित मुनि के उद्बोधन के साथ हुआ तथा संचालन महामंत्री हिम्मत बड़ाला ने किया।
महामंत्री हिम्मतसिंह बड़ाला ने बताया कि पयुर्षण पर्व के दौरान समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने 31 एंव 28 उपवास किये गये। जिसमें शंातिलाल एवं चन्द्रा बाई लोढ़ा ने 31-31 तथा सुश्री सेजल रांका, छगनदेवी छाजेड़,श्रीमती डॉ. नेहा बड़ाला,प्रियंका दुग्गड़, प्रकाश पामेचा, निर्मल पोरखना, सजय मेहता, अशोक राठौड़, सुनील छाजेड़, सोहनलाल तलेसरा, रतनदेवी लोढ़ा, चन्द्रा देवी राठौड़, सुन्दर देवी गन्ना, बसन्तीदेवी सोलंकी, करिश्मा हिंगड़, उर्मिला कावडिय़ा,सुन्दर देवी ओरडिय़ा, विमला तलेसरा, पुष्पा बाई वीरवाल, अर्चना बाबेल, चन्दा बाई राठौड़,भोपालसिंह कोठारी, कुसुम पामेचा, पारस हिंगड़, विमला लोढ़ा ने 28-28 उपवास किये। इस दौरान 1500 प्रतिक्रमण एवं 800 पौषध व्रत की आराधना हुई।