ई-लर्निंग पर 15 दिवसीय कार्यशाला का समापन
उदयपुर। इन्फारमेशन टेक्नोलॉजी तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। स्मार्ट क्लास, स्मार्ट सिटी, वर्चुअल क्लास आईटी की ही देन है। आईटी के क्षेत्र में विद्यार्थियों में और अधिक रूचि पैदा करने तथा उन्हें अधिक से अधिक संख्यॉ में जोड़ने के लिए जरूरी हो गया है कि अब स्कूली स्तर के पाठ्यक्रमों में भी आईटी का पाठ पढाया जाए।
यह बात मंगलवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर सभागार में उदयपुर के युवा सांसद अर्जूनलाल मीणा ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में एआईसीटीई द्वारा आयोजित 15 दिवसीय ई-लर्निंग की कार्यशाला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि उच्च शिक्षा के दौरान आईटी सेक्टर में हो रहे रिसर्च वर्तमान में इतने प्रभावी नहीं हैं। शोधार्थियों को चाहिए कि ग्लोबल मार्केट के आधार पर रिसर्च को मजबूती प्रदान करें।
आईटी में ऐसे कई क्षेत्र में जिनमें विकास की अपूर्व संभावनाएं हैं जिनमें नैनो टेक्नोलॉजी, बायोमेट्रिक्स, कम्प्यूटर साईंस एण्ड टेक्नोलॉजी शामिल है। समारोह के अतिविशिष्ट अतिथि प्रो. एसएन जाफरी ने कहा कि आईटी की उपयोगिता को देखते हुए इसे प्रारंभिक कक्षाओं से अनिवार्य विषय के रूप में जोड़ा जाए तथा विद्यार्थियों को आईटी एवं कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी का ज्ञान करवाया जाए। निदेशक डॉ. मनीष श्रीमाली ने 15 दिवसीय कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. प्रदीपसिंह शक्तावत, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. भारतसिंह देवडा़ ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर 15 दिवसीय कार्यशाला मे भाग लेने वाले प्रतिभागियों को सांसद अर्जुन मीणा एवं कुलपति प्रो. एस’.एस. सारंगदेवोत ने प्रमाण पत्र दिए। संचालन नेहा सिंघवी ने किया। धन्यवाद डॉ. भारतसिंह देवड़ा ने दिया।