उदयपुर। विधायक एवं राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री गुलाबचन्द कटारिया बेघरबारों के मकान का सपना पूरा होने की मांग का समर्थन करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ स्वयं अपने दो मकान होने के बावजूद सरकारी योजना से रियायती दर पर मकान लेने के लिए पद का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे दोहरे चरित्र के नेताओं के भरोसे नहीं रह कर लगातार संघर्ष कर हमें जीत हासिल करनी है।
ये विचार माकपा जिला सचिव बीएल सिंघवी ने आवास अधिकार संघर्ष मंच एवं कच्ची बस्ती फैडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से जिला कलक्टर कार्यालय के बाहर किये गये प्रदर्शन के दौरान व्यक्त किये। उन्हेांने कहा कि नेता हमारे लिए आदर्श होना चाहिये, लेकिन जनता इन नेताओं के सामने अपने आपको ठगा सा महसूस करती है, चाहे ये नेता अपनी मार्केटिंग व मेनेजमेन्ट से चुनाव में सफलता हासिल कर लेते हैं।
सिंघवी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी अमेरिका में कह रहे हैं कि उनका सपना है कि वह वर्ष 2022 तक देश के सभी नागरिकों के मकान के सपने को पूरा कर देंगे, जबकि जनता ने उन्हें वर्ष 2019 तक ही चुना है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी देश की जनता को बरगलाने में लगे हैं, लेकिन जनता उनके जुमलों एवं मानसिक शोषण करने वाले भावुक भाषणों के मायाजाल में फंसने वाली नहीं है। सिंघवी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी वास्तव में यदि चाहते हैं कि देश की आम जनता के अपने मकान का सपना पूरा हो तो क्यों नहीं वे ऐसी नीति की घोषणा करते हैं कि किसी भी व्यक्ति के पास एक निश्चित सीमा से ज्यादा आवासीय जमीन नहीं होगी।
महासचिव पार्षद राजेश सिंघवी ने कहा कि नगर विकास प्रन्यास एवं राजस्थान आवासन मण्डल ने शहर की जनता को कई बार सस्ते आवास उपलब्ध कराने के वादे किये और कई योजनाएं बना कर गरीब एवं मध्यम श्रेणी के व्यक्तियों से पैसे लेकर उनको मकान देने का वादा किया, लेकिन वे सारी योजनाएं असफल हो चुकी है, जिससे जनता में भारी आक्रोश एवं गुस्सा है। उन्होंने कहा कि जब ये संस्थाएं भूमाफियाओं एवं भूमि दलालों को जमीन आवंटित करती है तो वहां तो उनकी योजनाएं सफल हो जाती है। इससे लगता है कि हमारे नेता एवं अधिकारी इन भूमाफियाओं के दलाल बन कर काम कर रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि लाल झण्डे और इनके नेताओं को इस शहर में भाजपा एवं कांग्रेस पार्टी के नेताओं, भूमाफियाओं एवं भूमि दलालों व प्रशासनिक अधिकारियों ने हमेशा बदनाम किया कि लाल झण्डे वालों ने शहर की कीमती जमीन पर गरीबों को बसा कर शहर की सुन्दरता को दाग लगा दिया है। इससे जाहिर होता है कि उनके मन में गरीबों के प्रति क्या भावना है। सभा को मंच के अध्यक्ष मोहनलाल खोखावत, कच्ची बस्ती फैडरेशन के उपाध्यक्ष मुनव्वर खां, भंवरलाल बारबर, सीके वर्मा आदि ने भी संबोधित किया।
प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधिमण्डल जिला कलक्टर से मिला और 19 अगस्त को नगर विकास प्रन्यास उदयपुर के समक्ष आवासहीनों को आवास दिलाने एवं सभी कच्ची बस्ती वासियों को उनके मकान के पट्टे दिलाने की मांग को लेकर किये गये महापड़ाव में राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा किये गये वादे पर की गई कार्यवाही की जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि प्रशासन एवं प्रन्यास ने भीलों का बेदला में करीब 250 बीघा जमीन देखी है, जिसे प्रक्रिया पूरी कर आवासहीनों/बेघरबारों को मकान देने की योजना है। उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग की जमीन पर बसी बस्तियों को पट्टे देने के लिए सरकारी बिलानाम जमीन देख ली है और शीघ्र ही वन विभाग को वह जमीन आवंटित कर वन विभाग पर बसी बस्तियों के मकान के पट्टे देने की कार्यवाही कर दी जाएगी। उन्होंने हनुमान कॉलोनी व भोपा मगरी कच्ची बस्ती के निजी खातेदार की जमीन पर होने से स्थानीय स्तर पर कानूनी प्रक्रिया पूरी कर नियमानुसार इन कच्ची बस्ती वासियों को पट्टे देने का विश्वास दिलाया।