आज हुई गोवर्धन पूजा, रामा श्यामा में बीत रहा दिन
उदयपुर। पांच दिवसीय दीपोत्सव के तीसरे दिन दीपावली पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। सुबह से बाजारों में भीड़ रही। शाम को शुभ मुहूर्त में माता महालक्ष्मीजी का पूजन किया गया। व्यवसायियों ने दुकानों में पूजन कर घरों में भी किया तो कुछ जगह घरों में ही पूजा की गई।
दीपावली पर घरों और प्रतिष्ठानों में शुभ मुहूर्त में सपरिवार महालक्ष्मीजी का पूजन कर नानाविध मिष्ठानों का भोग लगाया गया। घर आंगन को रंगबिरंगी रोशनी और मिटटी के दीयों से रोशन कर खुशियां मनाई गई। लोगों ने एक-दूसरे का मुंह मीठाकर दीपोत्सव की शुभकामनाएं दी। घरों में स्थिर लग्न में तो व्यवसाय स्थलों पर चर लग्न में पूजन किया गया। शहर भर में रोशनी की गई जिसे देखने काफी संख्या में लोग उमड़े। सुबह से बच्चे कॉलोनियों में अपने अपने घरों की छतों पर चढ़कर पटाखे छोड़ रहे थे। बच्चों को पटाखे छोड़ने से रोकना महिलाओं के लिए मुश्किल हो गया। घरों-दुकानों को भी भव्य रूप से सजाया गया। पूजन से पूर्व महिलाओं ने घरों में दीए प्रज्वलित किए। उसके बाद पास के देवालयों, मंदिरों में भी दीए रखे गए। फिर पूजा की गई।
आतिशबाजी की खरीद में दिखा उत्साह
शहर के बाजारों में सजे आतिशबाजी के काउंटरों पर दिनभर युवाओं और अभिभावकों के साथ आए बच्चों का तांता लगा रहा। युवा जहां जोरदार धमाके करनेवाले सुतली और चमकीले बमों के साथ आकाश में जाकर रंगबिंरगी रोशनी करनेवाले पटाखे खरीदते नजर आए वहीं बच्चों को जमीन चक्कर, अनार, फुलछडिय़ां और अन्य पटाखे खूब रास आए। इसके अलावा राकेट, एक बार चलाने पर पच्चीस से लेकर साठ बार धमाके करनेवाली आतिशबाजी की बिक्री भी चरम पर रही।
सूरजपोल, बापू बाजार, देहलीगेट, अश्विनी बाजार, हाथीपोल में सुबह से भीड़ रही। मिठाई, पटाखे, धानमंडी क्षेत्र में किराना व्याएपारियों के साथ गोवर्धन पूजा के दिन पशुओं की पूजा करने के लिए पशुओं के जेवर भी खरीदे गए। हालांकि मावे की मिठाई खरीदने से मुंह फेर रहे उपभोक्ताओं ने ड्राइ फ्रूट्स या इनसे बनी मिठाई में खासी रुचि दिखाई।
सूरजपोल पुलिस चौकी के पास कमल पुष्प, सीताफल, बेर, चावल और धान की फुल्ली व चाशनी से बने खिलौनों की खूब बिक्री हुई। घर-दुकानों की सजावट के लिए आसा पाल सहित गेंदे के फलों की बंदनवार का भी जोरदार उठाव रहा। दीये, नए कपड़े, रंगोलियां और सजावटी लाइट्स की खूब खरीदारी हुई। बैंकों, पोस्ट ऑफिस व बाजार से सोने व चांदी के सिक्कों की खरीदारी की। इस बार पिछले साल के मुकाबले गेंदे के फूलों की माला के भाव बढ़ गए। गत वर्ष जो माला 10 रुपए की थी, उसके इस बार 20 से 30 रुपए तक वसूले गए। शाम होते ही मानों बच्चों को मनचाही खुशी मिल गई। बच्चों ने जमकर पटाखे फोडे़। अभिभावक भी सुरक्षा के मद्देनजर उनके साथ ही रहे।