उदयपुर में तीन दिवसीय बर्डफेयर की धूम शुरू
उदयपुर। दक्षिणी राजस्थान के समृद्ध नैसर्गिक वैविध्य और इसमें स्थानीय व प्रवासी परिंदों की क्रीडाओं की विशेषता को देश-प्रदेश में स्थापित करने के उद्देश्य से वन तथा पर्यटन विभाग के तत्वावधान में उदयपुर संभाग स्तरीय बर्डफेयर की धूम शनिवार से शुरू हो गई।
पहले दिन परिंदों की रंगीन दुनिया को निहारने के लिए पिछोला झील पर उदयपुर के विभिन्न राजकीय व निजी विद्यालयों के पांच सौ से अधिक विद्यार्थी, देश-प्रदेश के बर्डवाचर्स तथा फोटोग्राफर्स जुटे। मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा ने कहा कि बर्डफेयर के वृहद पैमाने पर किए गए आयोजन की तारीफ की और कहा कि बर्डफेयर में शिरकत करने वाले बर्डवाचर्स, वन व पर्यटन विभागीय अधिकारियों द्वारा प्राप्त होने वाले अनुभवों को साझा करें ताकि इसके आधार पर इस अंचल में पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियों के लिए केन्द्र व राज्य सरकार से अधिकाधिक बजट मुहैया करवाते जा सके। उन्होंने पर्यटन के बढ़ावे तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इस प्रकार के आयोजनों को स्थाई बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए संभागीय आयुक्त भवानीसिंह देथा ने कहा कि विद्यार्थियों में पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने की दृष्टि बर्डफेयर का आयोजन महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने देश की भावी पीढ़ी को पर्यावरणीय तत्वों से साक्षात कराने के उद्देश्य से इस प्रकार की गतिविधियों के निरंतर आयोजन की बात कही।
इस मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि एकलिंगगढ़ छावनी के हर्षवर्धनसिंह शेखावत ने कहा कि वन विभाग के साथ मिलकर सैनिकों के परिवारों का क्लब बनाया जाएगा पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
समारोह में पर्यटन विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने विश्व में सबसे तेज गति से बढ़ती बर्डवाचिंग की हॉबी को पर्यटन से जोड़ने तथा उदयपुर अंचल में आने वाले पर्यटकों को बर्डवाचिंग के पहलु से आकर्षित करने की दृष्टि से इस बर्डफेयर के आयोजन की संकल्पना को उद्घाटित किया।
इस मौके पर मुख्य वन संरक्षक व बर्डफेयर के मुख्य समन्वयक राहुल भटनागर ने तीन दिवसीय बर्डफेयर की विविध गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की और इसमें पर्यटन विभाग की सहभागिता की सराहना की। समारोह में मुख्य वन संरक्षक के.के. गर्ग, एनसी जैन सहित बड़ी संख्या में विभागीय उच्चाधिकारी और बर्डवाचर्स व अन्यजन मौजूद थे। समारोह का संचालन डॉ. सतीश शर्मा ने किया।
अतिथियों ने भी उठाया बर्डवाचिंग का लुत्फ:
समारोह से आरंभ सांसद, संभागीय आयुक्त और अन्य अतिथियों ने फीता काटकर बर्डफेयर का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने यहां पर विभाग की ओर से पक्षियों और जैव विविधता पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और इसकी सराहना की। इसके बाद उन्होंने पिछोला झील में बर्डवॉचिंग का भी लुत्फ उठाया।
प्रदर्शनी व प्रतियोगिता का रहा आकर्षण:
बर्डफेयर स्थल पर विद्यार्थियों के लिए प्रदर्शनी तथा पेंटिंग व क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा। प्रदर्शनी में उदयपुर के ख्यातनाम फोटोग्राफर शरद अग्रवाल के पक्षियों पर आधारित फोटो तथा अन्य संदर्भित फोटो को प्रदर्शित किया गया था। प्रदर्शनी के प्रति विद्यार्थियों में भी बड़ा उत्साह देखा गया। इस दौरान आयोजित दोनों प्रतियोगिताओं में भी विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया और इस आयोजन के प्रति अपने जुड़ाव को प्रदर्शित किया।
कार्यशाला में हुआ बर्ड्स ट्यूरिज्म विषयक मंथन:
बर्डफेयर के तहत अपराह्न में आरसीएम सभागार में बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के निदेशक डॉ. असद रहमानी ने ‘बर्ड ट्यूरिज्म इन इंडिया एण्ड इट्स पोटेंशियल इन उदयपुर रीजन‘ विषय पर अपनी विस्तृत वार्ता प्रस्तुत की। इस वार्ता दौरान उन्होंने पावर प्वाईंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से देश-प्रदेश में जैव विविधता और इसमें पक्षियों की स्थितियों पर जानकारी प्रदान करते हुए इनके माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। इस दौरान ख्यातनाम पक्षीविद् डॉ. रजा तहसीन, महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ओ.पी.गिल, पर्यटन विभाग के निदेशक विक्रम सिंह, मुख्य वन संरक्षक एन.सी.जैन, राहुल भटनागर भी मौजूद थे।
आज होगी फिल्ड विजीट:
निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को बर्डवाचर्स को छोटे-छोटे समूहों में विभक्त करते हुए उदयपुर के मेनार, डूंगरपुर के गेपसागर तथा पाली के जवाई बांध की विजीट कराई जाएगी। समापन समारोह 22 दिसम्बर को आरसीए सेमीनार हॉल में महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ओ.पी. गिल के मुख्य आतिथ्य में होगा। समापन समारोह की अध्यक्षता मुख्य वन संरक्षक के.के.गर्ग करेंगे। यहां सुबह 8.30 बजे से संभागियों के अनुभवों का आदान-प्रदान होगा तथा प्रजेन्टेशन दिये जायेंगे।