-रघुराम ने युवाओं से कहा निराश न हो, लॉजिक के साथ डटे रहें, सफलता निश्चित है
-भारतीय आर्थिक परिषद के 97 वां वार्षिक सम्मेलन शुरू
उदयपुर। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से यंगेस्ट इकोनोमिस्ट का खिताब प्राप्त रघुराम राजन ने कहा कि नये लॉजिकल आइडियाज का स्वागत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी कोई नया आइडिया देता है तो लोग तीन बातें कहकर गलत साबित करने की कोशिश करते हैं, जिनमें यू आर रोंग, इट्ज ऑबियस और वी थोट ऑफ इट बिफोर यू डीड इट शामिल हैं लेकिन इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। आपको तर्कसंगत आइडियाज देने हैं ताकि उन्हें कोई नकार नहीं सके और न ही कोई बेकार कह सके।
श्री रघुराम शनिवार सुबह सुखाडिय़ा आडिटोरियम में आयोजित भारतीय आर्थिक परिषद के ९७ वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व तीन दिवसीय सम्मेलन का श्री रघुराम ने उद्घाटन किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशों में लागू आइडियाज को यहां पर लागू नहीं किया जा सकता। यहां पर यहां के आइडियाज ही लागू किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि नये आइडियाज की जरूरत पॉलिसी मेकर को भी रहती है। उनके सामने भी जब तर्कसंगत आइडियाज आएंगे तो उन्हें भी स्वीकार करना होगा।
रघुराम ने ग्रामीण क्षेत्रों में लेबर फोर्स कम होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नरेगा के कारण लेबर फोर्स का काफी नुकसान हुआ है। इससे लेबर फोर्स खत्म होती जा रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण युवतियां अगर मजदूरी छोडक़र पढ़ाई या नौकरियों की तरफ बढ़ रही है तो अच्छी बात है, लेकिन अधेड़ महिलाएं भी मजदूरी नहीं कर घरों में कैद हो गई है, जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि नरेगा के कारण ग्रामीणों और मजदूरों ने अपने रेट बढ़ा दिए हैं, जिससे भी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी, के्रडिट और टैक्स कटौती के बारे में शोध किया जाना चाहिए कि इससे इकोनॉमी ग्रोथ पर कोई असर तो नहीं पड़ रहा है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश के ख्यातनाम अर्थशास्त्री, नीति निर्माता, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के कार्यकारी निदेशक सहित १४वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. आईवी रेड्डी भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के उद्घाटन से पूर्व सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आईवी त्रिवेदी ने अतिथियों का स्वागत किया।