समाधि स्थल पर मुख्यमंत्री के साथ पुष्पांजलि
महाराणा प्रताप के सिद्धातों से ही आज भी देश एकता में बंधा है : पाटील
udaipur. भारत के संविधान में सर्वधर्म संभाव्य का सिद्धांत, अलग—अलग भाषा व धर्मो के रहते हुए एकता के सूत्रा में बंधा देश और सीमाओं पर तीनों सेनाओं द्वारा त्याग, बलिदान एवं पराक्रम के साथ देश की रक्षा का दायित्व निभाने के मूल में महाराणा प्रताप की प्रेरणा ही है।
राष्ट्रपति ने ये विचार उदयपुर से 56 किलोमीटर दूर चावण्ड के पास बण्डोली गांव स्थित महाराणा प्रताप की समाधि स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपने कृत्यों से भारत के इतिहास को अजर—अमर कर दिया। उन्होंने कहा कि जलदेवी की गोद में स्थित समाधि स्थल ऐसा लगता है मानो जल देवी प्रताप को अपनी गोद में लेकर बैठी है । उन्होंने इस स्थल की नैसर्गिक सौन्दयर्ता की सराहना करते हुए यहां बुलाने के लिए अखिल भारतीय प्रताप सेवा संघ का आभार जताया।
राष्ट्रपति ने इससे पूर्व वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की समाधि स्थल पर श्रद्वासुमन अर्पित किये और नमन किया। उन्होने पुष्पांजलि के बाद समाधि स्थल पर महाराणा प्रताप के चरण छूकर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी समाधि स्थल पर श्रद्वासुमन अर्पित किये। इस अवसर पर डॉ. देवीसिंह शेखावत व उच्च शिक्षा मंत्री दयाराम परमार ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। अखिल भारतीय प्रताप सेवा संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने समाधी स्थल परिसर में बड़ का पौधा रोपा। साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोलसरी का पौधा भी रोपा। राष्ट्रपति ने अखिल भारतीय प्रताप सेवा संघ के सेवाधिकारियों के साथ समुह चित्र भी खिंचवाया। संस्था के सदस्यों ने राष्ट्रपति का शाल ओढाकर सम्मान किया एवं उन्हें स्मृति स्वरूप महाराणा प्रताप का स्वसर्णिम चित्र, समाधि स्थल का चित्र व संस्था की स्मारिका भेंट की।
संस्था के अध्य क्ष मनोहरसिंह कृष्णा्वत, महामंत्री अशोक मेतवाला, डॉ. देवीसिंह पाटील, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उच्च शिक्षा राज्यमंत्री दयाराम परमार, सांसद रघुवीरसिंह को भी प्रतीक चिन्ह के रूप में महाराणा प्रताप का स्वषर्णिम चिन्ह व समाधि स्थल का चिन्ह भेंट किया गया।
कृष्णावत ने स्वागत उद्बोधन के माध्यम से महाराणा प्रताप के कृतित्व एवं व्यक्तित्व की जानकारी देते हुए कुम्भलगढ, गोगुन्दा, उदयपुर, हल्दीघाटी एवं चावण्ड का महत्व बताया। समारोह स्थल पहुंचने पर आयोजन समिति के सदस्यों मनोहरसिंह कृष्णावत, शब्बीर मुस्तफा, लालसिंह झाला, महावीर चपलोत, घनयाम सिंह कृष्णावत, बालुसिंह कानावत, यदुराजसिंह, विक्रमादित्य सिंह, करणवीरसिंह, एवं यशराज सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर राष्ट्रपति, डॉ. देवीसिंह पाटील, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का स्वागत किया।
प्रताप के प्रति श्रद्धा : राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील जब समाधि स्थल पर बने करीब 220 मीटर लंबे पुल पर चलकर पैदल पहुंची तो महाराणा प्रताप के प्रति उनकी श्रृद्धा देख सभी अभिभूत हो उठे। जब राष्ट्रपति बंडोली के हेलीपेड से समारोह स्थल पहुंची तो उन्हें इस पुल से गोल्फ कार से लाने की व्यवस्था की गई थी।
कड़े सुरक्षा प्रबंध : राष्ट्रपति की उदयपुर यात्रा के दौरान प्रशासन एवं पुलिस द्धारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे। यात्रा में जिला कलक्टर हेमन्त कुमार गेरा, पुलिस अधीक्षक आलोक वशिष्ठ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी साथ थे।