इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान
उदयपुर। बर्फीले इलाकों सी सर्दी अब लेकसिटी वासियों को भी महसूस हो रही है। गत रात्रि सीटीएई में शहर का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री दर्ज किया गया। पारे में जबरदस्त गिरावट के साथ इस सीजन का यह अब तक सबसे कम तापमान रिकार्ड किया गया है। निरंतर बढ़ती सर्दी के कारण घरों में बनने वाले खाने में भी परिवर्तन आ गया है। रोटी-सब्जी का स्थान मक्का के व्यंजनों ने ले लिया है वहीं गुड़ से बनने वाली गरवाणी का इन दिनों घरों में जमकर सेवन किया जा रहा है।
गत रात्रि अब तक का न्यूनतम तापमान होने के कारण दुपहिया वाहन चालकों का जाना दूभर हो गया वहीं बाहर निकलना तक मुश्किल हो रहा था। दिन में धूप में भी कड़ाके की सर्दी पीछा नहीं छोड़ रही और लोगों की धूजणी छूट रही है। पूरी लेकसिटी ठिठुरने को मजबूर हैं। गर्म कपड़ों के बगैर बाहर निकलना तो मानों सोचना भी गुनाह है। स्कूली बच्चों को जरूर अवकाश के कारण आराम है लेकिन नौकरीपेशा, व्यवसायियों और गृहिणियों को मजबूरन ही सही सर्दी के बावजूद बाहर निकलना भी है और काम भी करना ही है।
सुबह-सुबह वाहनों पर ओस की बूंदें बर्फ का रूप ले रही हैं। घास पर सफेद बर्फ की चादर सी बिछने लग गई है। हाड़ कंपाती सर्दी ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। शीत लहर का आभास कराती ठंडी हवाओं से लोग ठिठुर गए हैं। ऊनी वस्त्रों से लदे होने के बावजूद ठिठुरन कम नहीं हो रही है। जगह जगह अलाव के नजारे आम हो गए हैं। बाजार भी जल्दी सूने होने लगे हैं। आठ बजते-बजते तो बाजार बिल्कुल सुनसान हो जाते हैं।
बढ़ती सर्दी ने घरों में खाने का मीनू चेंज कर दिया है। आम तौर पर गेहूं के बजाय मक्का का प्रयोग होने लगा है। कोहरे के कारण यातायात प्रभावित हो रहा है। घरों में रसोई सहित बाजार का मीनू ही बदल गया है। कडक़ड़ाती ठंड में गर्मागर्म नाश्ता्, दूध सभी को भा रहे हैं। जूस का स्थान दूध ने ले लिया है तो पोहे के बजाय गर्मागर्म जलेबी सभी को भा रही है।
बाजार शाम ढलते ही बंद होने लगे हैं। 9 बजे तक तो अंदरुनी बाजार अमूमन सारे बंद हो ही जाते हैं। सुबह नहाते समय सभी को गर्म पानी का इंतजार रहने लगा है। या तो गीजर से या गर्म रॉड से। खाने में गर्मागर्म कचौरियों, पकौड़ों की दुकानों पर भीड़ रहने लगी है वहीं ठंड के पकवान गजक, मूंगफली का चपड़ा आदि के ठेले चहुंओर दिखने लगे हैं।