हस्तशिल्प में जमकर खरीददारी, 83 लाख तक पहुंची बिक्री
उदयपुर। रूडा (रूरल नॉन फार्म डवलपमेंट एजेंसी) द्वारा टाऊनहॉल में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला-2015 का आज समापन हुआ। अंतिम दिन रविवार होने के कारण मेले में जनता हस्तशिल्प उत्पादों को खरीदने के लिए उमड़ पड़ी। कुछ स्टॉलों पर तो शाम होते ही स्टॉक खत्म हो गया। मेले में दस दिनों में 83 लाख की बिक्री हुई। मेले में सर्वश्रेष्ठ 4 दस्तकारों को सम्मानित भी किया गया।
रूडा के महाप्रबन्धक दिनेश सेठी ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी शहर की जनता का मेले को अपार समर्थन मिला। मेले में महिला,पुरूष बच्चों ने जमकर खरीददारी की। महिलाओं के लिए जहंा दस्तकार रंग-बिरंगे परिधान, लखनऊ के चिकन परिधान, सिल्क साडिय़ां, राजघराने की परंपरागत हस्तीछपाई लेकर आयें वहीं पुरूषों के लिए कश्मीर के पश्मीना शॉल एवं अन्य उत्पाद ले कर आयें। बच्चें अपने लिए टॉम एण्ड जेरी, बाल हनुमान ,बाल गणेश जैसे हार्ड बोर्ड पर तैयार चित्र खरदीने की जिद करते हुए दिखाई दिये। इसके अलावा मेले में इस कारण मेले में बेजोड़ कलाकृतियां, बांस व बेंत के फर्नीचर, पोकरण का टेराकोटा, गुलाबी नगरी की ब्लू पॉटरी, सहारनपुर का फर्नीचर, खुर्जा की पॉटरी, बनारस की साडिय़ां, कुंभकारी कला, चमड़े व पत्थर की कलात्मक वस्तुओं की बिक्री को भी प्रोत्साहन मिला।
रूडा के सेठी एंव ओमप्रकाश ने 4 सर्वश्रेष्ठ दस्तकारों आसाम के बेस्ट इको फ्रेन्डली प्रोडक्ट के प्रदीप कुमार डे, पं.बगंाल के बेस्ट डेकोरेटिव प्रोडक्ट के लिए निताई चरण खान, उत्तरप्रदेश के दस्तकार बेस्ट टेक्सटाईल प्रोडक्ट के लिए मंसूर आदिल तथा उत्तरप्रदेश के ही बेस्ट इनोवेटिव प्रोडक्ट के लिए मो.वसीम को पुरूस्कृत किया।मेले में दसो दिन उद्घोषक के रूप में नेमीसिंह तंवर ने अपनी सेवायें दी।
हिमाचल प्रदेश से आये दस्तकार विजय कुमार ने बताया कि इस बार वे मेले में शॉल, स्टॉल, लोई, स्वेटर, डबल साईड वाले जैकेट, गुणवत्तायुक्त याकूल हेण्ड स्पन शॉल ले कर आये है। शहर में सर्दी का मौसम होने से इनको जनता का काफी समर्थन मिला। गत वर्ष जम्म-कश्मीर आयी बाढ़ के कारण करीब 11 दस्तकारों को लाखों का नुकसान हुआ जो वहंा पर अपना माल बेचने गए थे।