चंदावती उत्खनन का दूसरा चरण
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय एवं राजस्थान सरकार के पुरातत्व विभाग के साझे में चल रहे चंद्रावती उत्खनन कार्य के दूसरे चरण में कई प्रकार नई नई जानकारियां सामने आई हैं।
कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने बताया कि किले के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने पीछे की ओर करवाए जा रहे कार्य के दौरान दो तांबे के टुकड़े मिल है। इससे लगता है कि यहां लोहे को गलाने की भट्टी हो सकती है लेकिन ताम्बे का उपयोग होने के बाद भी अधिक तथ्य नहीं मिल रहे है। संभवतया यह अंबाजी से लाया जाता होगा। उन्होने बताया कि किले के समीप निकले मटके का खाली करवा लिया है उसमें मिटृी व पत्थर के टुकड़े निकले है। अब इस मटके को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। उत्खनन के कार्य में लगे विद्यापीठ के प्रो. जीवन सिंह खरकवाल ने बताया कि जनाना आवासों के आगे की ओर कुछ स्थानों पर और अधिक दीवार निकल रही है। उन्होंने बताया कि मिटृी के मिले मटके की तरफ स्थित टीले पर एक स्थान ओर चिंहित कर उत्खनन कार्य करवाया गया है। अब संपूर्ण ध्यान किले के भीतर रहे अवशेष पर केन्द्रित कर दिया गय है। यहां अब श्रमिकों से सफाई करवाई जा रही है।