उदयपुर। साहित्यकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता दोनों की संवेदनशीलता ही उन्हें समाज में सृजन एवं रचनात्मकता हेतु अभिप्रेरित करती है। डॉ. दईया जेसी हुतात्मा शरीर से जा सकती है किन्तु मन से नहीं।
ये विचार जनार्दराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क के सभागार में आयोजित डॉ. पूनम कृष्णा दईया फेलोशिप अवार्ड समारोह में मुख्य अतिथि के पद से पीजी डीन प्रो. प्रदीप पंजाबी ने कही। अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. एस.के. मिश्रा ने की जबकि मुख्य अतिथि डॉ. सुनील दईया, डॉ. विनीता श्रीवास्तव थे। अध्यक्षता करते हुए प्रो. एसके मिश्रा ने कहा कि डॉ. दईया साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान रहा एवं उनका न तो सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन के बेहतरीन अध्याय का पटाक्षेप होता है। इस अवसर पर डॉ. वीणा द्विवेदी, सहायक रजिस्ट्रार रियाज हुसैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन अवनीश नागर ने किया, धन्यवाद डॉ. वीणा द्विवेदी ने दिया।
इन्हे मिला अवार्ड
समारोह में डॉ. पूनम कृष्णा दईया छात्रवृत्ति के ट्रस्टी डॉ. सुनील दईया ने महाविद्यालय की दो छात्रा ममता शक्तावत एवं शोभा गर्ग को संयुक्त रूप से दी गई। समारोह के अध्यक्ष प्रो. एस.के. मिश्रा, प्रो. पी.के. पंजाबी, डॉ. सुनील दईया, डॉ. विनिता श्रीवास्तव ने दोनो ही छात्राओं को अवार्ड राशि क्रमशः 6-6 हजार रू. दिये गये। यह अवार्ड हर वर्ष दईया फोलोशिप द्वारा निर्धन एवं जरूरतमंद छात्र छात्राओं को दिया जाता है।