सेमल संरक्षण – नव्यमानवतावादी प्रयोग
उदयपुर। सोसाइटी फॉर माइक्रोवायता रिसर्च एंड इंटीग्रेटेड मेडिसिन 9 वर्षों से उदयपुर शहर में “सेमल वृक्ष संरक्षण अभियान” में लगी है. शहर में प्रतिवर्ष होलिका – दहन पर हजारों सेमल वृक्ष जल दिए जाते है. सेमल वृक्ष संरक्षण अभियान के तहत सोसाइटी ने जन-जागरूकता अभियान के साथ ही, बीजों से सेमल के पौधे संवर्धित कर लगभग 500 पौधे शहर में लगाए गए हैं।
इसके अतिरिक्त वर्ष 2011 से सोसायटी ने सेमल वृक्ष को बचाने के लिए लोहे की होली जलने का अभिनव प्रयोग शुरू किया और धीरे- धीरे शहर के विभिन्न सोसाइटी और कॉलोनी के जागरूक नागरिकों ने इसे अपनाया है और सेमल वृक्ष सरंक्षण में अपना योगदान दिया है। प्रभात रंजन सरकार ने नव्यमानवतावाद पर आधारित एक नूतन सामाजिक अर्थनैतिक दर्शन ‘प्राउट’ का प्रतिपादन भी किया जो वर्तमान समय में आर्थिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार पूंजीवाद और साम्यवाद दोनों का विकल्प है. ‘प्राउट’ विकेन्द्रित अर्थव्यवस्था और सद्विप्र नेतृत्व का पोषक है जो आर्थिक असमानता से उपजे असंतोष को आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों के साथ मिटाने की बात रखता है। इन विषयों से संबधित वृहत जानकारी 6-8 फरवरी को जागृति परिसर, टेकरी-मादड़ी रोड में आयोजित त्रि-दिवसीय सेमिनार में दी जाएगी। इस अवसर पर सोसायटी के बुलेटिन ‘बोमरीम’ के 6 वर्ष पूरे होने पर नूतन अंक का विमोचन आचार्य प्रियतोषानन्द अवधूत ने किया। इस अवसर पर सोसायटी अध्यक्ष डॉ. एसके वर्मा, सचिव डॉ वर्तिका जैन, संयुक्त सचिव गिरधारी लाल सोनी व सदस्य डॉ. सुभाष वशिष्ट, ओंकार लाल शर्मा, इंद्रसिंह राठौड़, डॉ. पीसी जैन भी उपस्थित थे।