udaipur. ‘राजस्थानी आपांरी मां है, आपांनै आपां री भाषा री सेवा करणी है, यो आपां रौ फरज है, अणीरी संवैधानिक मान्यता वास्तै सांसद, सरकार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गम्भीर है। राजथानी री मान्यता प्रदेश रा विकास वास्तै जरूरी है।’
ये विचार सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने डॉ. मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट में आयोजित ‘सज्जन कीर्ति’ राजस्थानी अखबार के लोकार्पण उच्छब में खास पामणा (chief guest) के रूप में प्रकट किए। उन्होंने कहा कि मैंने अन्य प्रदेशों के सांसदों से भी कहा कि हम आपाको सहयोग करेंगे। आप हमें संसद में राजस्थाकनी मान्यता हेतु सहयोग करो। उदयपुर से राजस्थानी के पहले अखबार के लोकार्पण अवसर को ऐतिहासिक एवं मन का कार्यक्रम बताया एवं शुभकामनाएं दी।
मूंगा पामणा (विशिष्टो अतिथि) नगर परिषद उपसभापति महेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि 10 करोड़ लोगों की मातृभाषा राजस्थानी को मान्यता के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। यह दुखद है। उन्होंने इजराइल की भाषा हिबू्र के लिए उन लोगों के प्रेम व समर्पण से प्रेरणा लेने की बात कही कि दुनिया में बिखरे यहूदियों ने अपनी भाषा को वापस प्राणवंत कर दिया। हम तो हमारे प्रदेश में ही रह रहे है। अन्ये अतिथियों में डॉ. देव कोठारी, वसीम खान आदि ने भी विचार व्यपक्तह किए। कार्यक्रम में स्वागत भाषण ट्रस्ट अध्यक्ष विजय सिंह मेहता ने देते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा के विकास के लिए पत्र-पत्रिकाओं का चलन जरूरी है। उदयपुर में यह पहला प्रयास स्वागत योग्य है। संयोजन करते हुए राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेंद्र सिंह बारहठ ने कहा कि जो भाषाएं संविधान की 8वीं अनुसूची में है उनमें आईएएस परीक्षा माध्यम वएक प्रश्र पत्र उस भाषा का मिलता है। अनिवार्य व ऐच्छिक प्रश्र पत्र उस भाषा का होता है। रेलवे परीक्षा उनके भाषा माध्यम से होती है।
कार्यक्रम में ट्रस्ट के सचिव नंदकिशोर शर्मा एवं ‘सज्जन कीर्ति’ के उप संपादक धर्मेंद्र सिंह गहलोत ने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में सरस्वती वंदना पुरुषोत्तम पल्लव, वाणी वंदना हिम्मत सिंह उज्ज्वल, धन्यवाद सज्जन कीर्ति संपादक मो. जहीर ने किया।
राजस्थानी अखबार ‘सज्जन कीर्ति’ का लोकार्पण करते अतिथिगण।
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